Chhattisgarh News: ये है CG के नांदघाट की पुलिस, बेटी को सुरक्षा देने के बजाय कोर्ट जाने दे दी सलाह
Chhattisgarh News: दो नकाबपोश ने कालेज छात्रा कविता वैष्णव को कालेज से लौटते वक्त रास्ता रोककर सरेराह धमकी दी, धमकी सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। नांदघाट के गर्वनमेंट कालेज को खाद्य मंत्री व स्थानीय विधायक दयालदास कुर्रे 22 किलोमीटर दूर अमोरा ले जाना चाह रहे हैं। इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। कविता वैष्णव और कुंदन ने कालेज के छात्र-छात्राओं की ओर से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में राज्य शासन के विवादित आदेश को रद करने और महाविद्यालय का संचालन नांदघाट में ही करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है। इन दोनों छात्रों को दो नकाबपोशों ने नांदघाट में अलग-अलग रास्ते पर रोककर अदालती लड़ाई से दूर रहने की धमकी दी है। इस गंभीर मामले की शिकायत नांदघाट थाने में की गई है। अचरज की बात ये कि दोनों छात्रों को सुरक्षा देने और आरोपियों की खोजबीन के बजाय पुलिस ने कोर्ट जाने की सलाह दे दी है। पढ़िए नांदघाट पुलिस का वह पत्र।
Chhattisgarh News: बिलासपुर। नांदघाट में बीते दो वर्ष से गर्वनमेंट कालेज का संचालन किया जा रहा है। राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कालेज के लिए पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया है। प्रशासकीय प्रक्रिया के बीच मंत्री के अड़ियल रवैये के कारण विरोध और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय विधायक व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज को यहां से 20 किलोमीटर दूर ग्राम अमोरा ले जाना चाहते हैं। मंत्री के दबाव के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र भी जारी कर दिया है।
मंत्री के इस रवैये को देखते हुए विरोध शुरू हो गया है। अब तो महाविद्यालयीन छात्र लामबंद हो गए हैं और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर कर दी है। याचिका दायर होने के बाद अब निचली स्तर की राजनीति शुरू हो गई है। जनहित याचिका दायर करने वाले दो छात्रों को सरेराह नकाबपोश धमका रहे हैं। चिंता और अचरज की बात ये कि पुलिस भी इस मामले में चुप्पी साधे हुई है। पुलिस की चुप्पी कहीं बड़ी घटना को अंजाम ना दे-दे। इस बात की चर्चा तो हो ही रही है साथ ही अंचलवासी आशंका भी जताने लगे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर इस तरह की हरकत के पीछे किसका हाथ हो सकता है।
नांदघाट में बीते दो वर्ष से चल रहे गर्वनमेंट कालेज के अचानक स्थान परिवर्तन के आदेश और गुपचुप तरीके से शुरू ही प्रशासकीय प्रक्रिया का अब सार्वजनिकतौर पर विरोध शुरू हो गया है। विरोध में महाविद्यालयीन छात्रों के अलावा पालकों और अंचलवासी भी शामिल हो गए हैं। शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे विरोध प्रदर्शन और अब अदालती कार्रवाई के लिए छात्रों द्वारा मानसिक रूप से तैयार होने के बाद एक अलग ही तरह की परिस्थिति भीतर ही भीतर निर्मित करने की कोशिशें शुरू हो गई है। दबाव और धमकाने का काम किया जा रहा है। अंचलवासियों के बीच इस बात की चर्चा भी तेज हो गई है कि आखिर इसके पीछे किसकी साजिश और हाथ हो सकता है। कौन इस तरह का हथकंडे अपना सकता है। आशंका इस बात भी कि पुलिस भी चुप्पी साधे बैठी है। याचिकाकर्ता छात्रों के अलावा महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी पालक चिंता करने लगे हैं।
नांदघाट थाने में कविता ने दर्ज कराई शिकायत
कविता वैष्णव ने नांदघाट में अपने साथ घटित घटना की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत पर जांच के बजाय पुलिस ने कुछ ही अलग ही कर दिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए बेटी की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के बजाय पुलिस ने अलग ही तरह की सलाह मशविरा दे दिया है। आरोपियों की खोजबीन करने और सुरक्षा व्यवस्था के बजाय पुलिस ने इस तरह का सलाह क्यों दिया,किसके इशारे पर पुलिसिंग ठप कर दिया गया है,इसे लेकर भी अब चर्चा शुरू हो गई है।
सुरक्षा देने के बजाय सलाहकार की भूमिका में नजर रही पुलिस
पुलिस लिख रही है कि महाविद्यालयीन छात्रा कुविता और छात्र कुंदन को नकाबपोशों ने नांदघाट में अलग-अलग जगहों पर सरेराह रोककर धमकी दी है। कालेज के मामले से दूर रहने नकाबपोशों ने दोनों को धमकी दी है। पुलिस एक तरफ यह भी लिख रही है कि कालेज के मामले से दूर रहने नकाबपोशों ने याचिकाकर्ता छात्रों को धमकाया है। दूसरी तरफ पुलिस इसे हस्तक्षेप अयोग्य अपराध बताते हुए शिकायतकर्ताओं को अदालत की शरण में जाने की सलाह दे दी है।