Chhattisgarh News: वाह रे स्वास्थ्य विभाग के नुमाइंदे: 10 साल बाद भी वैक्सीन वैन का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन तक नहीं करा सके

Chhattisgarh News: बिलासपुर जिले में टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए राज्य शासन ने आज से 10 साल पहले 2014 में वैक्सीन वैन भेजा था। आजतलक स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने RTO में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं। नार्म्स के मुताबिक इसी वैन से दवाओं की आपूर्ति की जानी थी। मौजूदा हालात ये कि CMHO दफ्तर के पीछे कंडम हालत में वैन खड़ी है। सूमो में दवाओं की आपूर्ति की जा रही है। एक सवाल यह भी उठ रहा है कि कोरीपारा में कहीं इसी तरह की लापरवाही ने दो मासूमों की जान तो नहीं ले ली।

Update: 2024-09-03 07:22 GMT
Chhattisgarh News: वाह रे स्वास्थ्य विभाग के नुमाइंदे: 10 साल बाद भी वैक्सीन वैन का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन तक नहीं करा सके
  • whatsapp icon

Chhattisgarh News: बिलासपुर। जिले में टीकाकरण अभियान को सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीक से संचालित करने के लिए राज्य शासन ने वर्ष 2014 में वैक्सीन वैन दिया था। राज्य शासन के दस्तावेजों में अब भी जिले में इसी वैक्सीन वैन से दवाओं की आपूर्ति ग्रामीण अंचलों में संचालित अस्पतालों में किया जा रहा है। कोरीपारा की घटना के बाद जब NPG ने पड़ताल की तब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई। दरअसल जिस वैक्सीन वैन से कागजों में दवाओं की आपूर्ति करना स्वास्थ्य विभाग के अफसर बता रहे हैं वह तो हो ही नहीं रहा है। वैक्सीन वैन की जगह सूमो से दवाओं की आपूर्ति की जा रही है। वैक्सीन वैन की खोजबीन की गई तब पता चला कि CMHO दफ्तर के पीछे कंडम हालत में खड़ी हुई है। लापरवाही का आलम ये कि अब तक विभाग ने आरटीओ में वैक्सीन वैन का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है। सवाल यह उठाया जा रहा है कि इस लापरवाही का खामियाजा कोरीपारा में दो मासूमों और उसके परिजनों को नहीं उठाना पड़ा। दाे मासूमों की मौत और छह के जीवन और मृत्यु के बीच करते संघर्ष के बीच यह सवाल उठना स्वाभाविक है।

इसलिए वैक्सीन वैन से सप्लाई जरुरी

दवाओं और टीके को एक निश्चित तापमान पर रखना होता है। वैक्सीन वैन को तय मापदंड और नार्म्स के अनुसार बनाया जाता है। ताकि दवाओं और वैक्सीन को जितना तापमान चाहिए मिलता रहे। इसके लिए वैक्सीन को खराब होने से बचाने के लिए जरुरी उपकरण और उपाय भी वैन में रहता है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर गौर करें तो वैक्सीन वैन के जरिए ही टीके व दवाओं की आपूर्ति स्वास्थ्य केंद्रों में किया जाना है। जिले में इसके ठीक उल्टा हो रहा है। वैक्सीन वैन को कंडम कर दिया है और सूमो वाहन के जरिए दवाओं की सप्लाई की जा रही है।

RT0 की चेतावनी के बाद भी अफसरों ने नहीं दिया ध्यान

राजधानी रायपुर में आरटीओ ने वैक्सीन वैन का चालान काटा था। रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण यह कार्रवाई की गई थी। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि दोबारा वैन पकड़ाया तो जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्रेशन कराने के बजाय अधिकारियों ने वैन को ही कंडम कर दिया। वैन के बजाय सीएमएचओ दफ्तर स्थित रीजनल ड्रग्स हाउस से सूमो के जरिए जिले के चार ब्लाक में वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है। ऐसी स्थिति में गुणवत्ता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। सीएमएचओ डा प्रभात मिश्रा का कहना है कि वैक्सीन वैन का आरटीओ ने रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। यह भी कहा कि वैक्सीन व दवाओं की गुणवत्ता का सप्लाई के दौरान खास ख्याल रखा जा रहा है।

Tags:    

Similar News