Chhattisgarh News: सरकार खत्‍म कर दे पटवारी का पद: नाराज पटवारियों का सरकार को अल्‍टीमेटम, मांगें नहीं मानी तो 8 से अनिश्चिकालीन हड़ताल

Chhattisgarh News: छत्‍तीगसढ़ के पटवारी भड़के हुए हैं। पटवारी इतने नाराज हैं कि उन्‍होंने सरकार से कहा है कि समस्‍या का समाधान नहीं कर सकते तो पटवारी का पद ही समाप्‍त कर दें।

Update: 2024-07-06 06:01 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीगसढ़ पटवारी संघ ने सरकार को अल्‍टीमेटम दे दिया है। इस संबंध में संघ की तरफ से राजस्‍व मंत्री टंकराम वर्मा को ज्ञापन भेजा गया है। इसमें संघ ने समस्‍या का समाधान नहीं होने पर 8 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है।

संघ ने प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को का एक ज्ञापन भेजकर 32 सूत्रीय मांगें रखी है। संघ की तरफ से जारी बयान में अध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा है कि पटवारी भुईयां साफ्टवेयर में आ रही दिक्कत से परेशान हैं। अगर सरकार ये परेशानी दूर नहीं करती है, तो पटवारी का पद ही समाप्त कर दिया जाए। संघ का कहना है कि जो मांगे रखी गई है वे सभी विगत कई वर्षों से लंबित मांगें हैं, निराकरण न होने की वजह से प्रदेश के सभी पटवारी निराश और हताश हैं।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्‍यादा समस्‍या भुईयां साफ्टवेयर की वजह से हो रही है। इस साफ्टवेयर में कई खामियां हैं जिन्‍हें ठीक नहीं किया जा रहा है। संघ के अनुसार त्रुटिपूर्ण खसरे जो बैंक में बंधक हैं ऐसे खसरों को साफ्टवेयर में ठीक या विलोपित नहीं किया गया है। न ही एनआईसी द्वारा उसे विलोपित किया गया है। पटवारी आईडी में संकलन, विलोपन, संशोधन का ऑप्शन नहीं है। इसके बावजूद कई जिलों में संकलन, विलोपन संशोधन के नाम पर पटवारियों के खिलाफ दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की जा रही है. इस पर रोक लगाई जाए। कर्जदार किसानों द्वारा कर्ज चुका देने के बाद भी ऑनलाईन भुईयां से बैंक बंधक नहीं हटाया जाता है। ऐसे मामलों की शिकायत होने पर सारा दोषारोपण पटवारियों पर होता है।

पटवारी संघ का कहना है कि ऑनलाईन काम करने के लिए आज तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है। कंप्यूटर, लैपटॉप प्रिंटर, स्कैनर, इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं करई गई है। पटवारी अपने संसाधन से काम करते हैं। इस काम के लिए अतिरिक्त भत्ता दिया जाए। ऑनलाईन नक्शा, बटांकन संशोधन पहले पटवरी आईडी में संशोधित कर राजस्व निरीक्षक की आईडी में भेजा जाता है। इस वजह से जब तक राजस्व निरीक्षक की आईडी से अनुमोदन नहीं होता है तब तक उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण अनावश्यक विलंब होता है। पटवारी द्वारा अनुनोदन के लिए भेजा गया नक्‍शा बंटाकन पटवारी आईडी में नहीं दिखता जिस्से त्रुटि की संभावना रहती है। नक्शा का सर्वर अधिकाशतः खुलता नहीं है। हर बार दुबारा लॉगिन करना पड़ता है। इस समस्या का निराकरण आज तक नहीं किया गया।

संघ का कहना है कि डिजीटल हस्ताक्षर 100 प्रतिशत करने के लिए शासन स्तर पर दबाव बनाया जाता है। पटवारी खुद अपने खर्च से डिजीटल टोकन बनाते हैं इसके बाद भी उच्चाधिकारी प्रताड़ित करते हैं। ऑनलाईन रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण के लिए पटवारी की आईडी में आता है जिसमें क्रेता-विक्रेता से संबंधित सारी जानकारी अंग्रेजी में रहती है जिसे हिंदी में टाइप करना पड़ता है। लिपिकीय त्रुटि हो सकती है। इसके लिए पटवारी को दोषी समझा जाता है। वर्तमान में प्रदेश स्तर पर 100 प्रतिशत नक्शा, बटांकन का दबाव बनाया जा रहा है।

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