CG_राजपत्रित अधिकारी संघ की बैठक: विधानसभा चुनाव से पहले संघ ने राष्ट्रीय पार्टियों से की एक राज्य एक भर्ती नियम की मांग

छत्‍तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां घोषणा पत्र तैयार करने में लगी हुई हैं। ऐसे में राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी अपनी तरफ से मांग रखी है।

Update: 2023-08-16 15:28 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ की आज प्रांतीय बैठक हुई। इसमें राजपत्रित अधिकारियों की समस्याओं को लेकर लंबी चर्चा चली। साथ ही आगमी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विभिन्न राष्ट्रीय पार्टी के घोषणा पत्र के लिए मुद्दे तय किए गए।

राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा और संगठन मंत्री नंदलाल चौधरी ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इंद्रावती भवन में राजपत्रित अधिकारियों की समस्याओं को लेकर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अनेक सुझाव संघ हित में दिए। साथ ही शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद उनके अधिकार के हनन का मुद्दे भी उठाए गए। राजपत्रित अधिकारियों ने शासन के विभिन्न नियमों का सरलीकरण करने सुझाव देते हुए आवश्यक संशोधन करने सुझाव भी दिए। शासन को ऐसे निर्णय लेने से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा। लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित होने के बाद अधिकारियों को अलग अलग विभागों में पदस्थ किया जाता है। लेकिन विभागों के भर्ती नियमों में एकरूपता नहीं होने के कारण कई विभाग के अधिकारियों को न तो समयमान वेतनमान और न ही पदोन्नति का लाभ मिलता है। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने कुछ विभागों के भर्ती नियमों का अध्ययन करने एवम् शासन द्वारा प्रचलित आदेशों में सरलीकरण करने सात सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया।

संघ के प्रांत अध्यक्ष ने आगे बताया कि सरकार के घोषणा पत्र अनुसार चार स्तरीय समयमान वेतनमान, अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने शासन को पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। संघ ने विभिन्न विभागों द्वारा गोपनीय प्रतिवेदन के आड़ में समय पर पदोन्नति एवम् समयमान वेतनमान नहीं देने पर आक्रोश व्यक्त किया है। इस समस्या के स्थाई समाधान हेतु गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की प्रक्रिया को मंत्रालय की भांति ऑन लाइन करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी समय पर विभागीय जांच पूरा नहीं करने का मुद्दा भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने उठाया। अधिकतर विभागों में राज्य बनने के समय से जारी सेटअप लागू है। जबकि 22 साल में प्रदेश की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसे देखते हुए सभी विभागों के सेटअप में वृद्धि करने की आवश्यकता है। सेटअप में वृद्धि नहीं होने के कारण अधिकारियों के ऊपर काम का बोझ बढ़ चुका है।जिसके कारण अधिकारियों को तरह तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश में अलाइड सेवाओं से केवल ०३ पद आईएएस अवार्ड होने के संबंध में अधिकारियों द्वारा गहरी चिंता और नाराज़गी व्यक्त की गई । आईएएस के पदोन्नत पदों में पारदर्शी व्यवस्था अपनाते हुए अन्य सेवाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की माँग उठाई गई ।प्रदेश के मुख्यमंत्री एवम् मुख्य सचिव को इन मुद्दों को लेकर पत्राचार करने का निर्णय लिया गया है।

बैठक में जितेंद्र गुप्ता,दिलदार मरावी,दिलीप अग्रवाल, युगल वर्मा, अविनाश तिवारी, डॉ बी पी सोनी, दिनेश तिवारी, विष्णु पैगवार, अरविंद जायसवाल, बी पी राजभानू,पूषण साहू ,अभय देवांगन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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