CG मजदूरी का पैसा नहीं मिला, पड़ोसी ने पति-पत्नी व दो बच्चों की हत्या की, पांच साल बाद 5 आरोपियों को आजीवन कारावास...

Update: 2023-12-13 12:33 GMT

रायपुर। महासमुंद जिले के पिथोरा के किशनपुर में हुए पति-पत्नी व दो बच्चों की हत्या मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जघन्य हत्याकांड में शामिल पांच आरोपियों को पांच साल बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

जानिए घटनाक्रम के बारे में...

पिथौरा के किशनपुर के चेतन साहू, पत्नी योगमाया साहू व उनके दो बेटे तन्मय-कुनाल की बुधवार की रात 31 मई 2018 को खाना खाकर सो गए। रात करीब 2 बजे अज्ञात लोग उनके घर पहुंचे और फावड़े से ताबड़तोड़ वार कर चारों की हत्या कर दी। फिर आरोपी घटना स्थल से भाग निकले। घटना की सूचना मिलते ही घर पर लोगों की भीड़ लग गई। एसपी सहित पुलिस के आला बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। मृतिका योगमाया साहू किशनपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर पदस्थ थी। पूरा परिवार किशनपुर के उप स्वास्थ्य केंद्र में निवास करता था। चेतन साहू राजधानी के एक निजी चिकित्सालय में काम करता था। मृतक मूलत: कसडोल विकासखंड के ग्राम रिकोकला का रहने वाले थे।

इसलिए की थी हत्या

घटना के 48 घंटे बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा किया। परिवार के चार लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि पड़ोसी ही था। 

तत्कालीन एसपी और वर्तमान एसपी संतोष सिंह ने बताया कि 31 मई की रात को हत्या उनके पड़ोसी धर्मेन्द्र बहिरा पिता मेघनाथ (28) ने की। उप स्वास्थ्य केंद्र के पीछे आरोपी का गैरेज है। आरोपी मजदूरी से लेकर नल फिटिंग सहित अन्य कार्य भी करता था। मृतका ने अपने घर में सबसे पहले मजदूरी के लिए आरोपी धर्मेन्द्र को बुलाया था।पड़ोसी होने के नाते वह छोटे मोटे कार्य करता था। आरोपी ने मृतका के घर में पाइप फिटिंग भी किया था। आरोपी ने इसके बदले जब अपना मेहनताना मांगा तो उसने बाद में लेना करके टाल दिया था। महिला व उसके पति से पैसे मांगने पर आज-कल देंगे कहकर टाल देते थे। बार-बार टाल मटोल की वजह से आरोपी का पति-पत्नी से विवाद भी हुआ और उसी का बदला लेने की योजना धर्मेन्द्र ने बनाई। आरोपी को पता था कि मृतकों के घर में कीमती सोने चांदी के जेवरात, महंगे मोबाइल है। आरोपी चोरी का प्लान बनाया और 31 मई की सुबह 2-3 बजे दीवार फांदकर वह एएनएम योगमाया के घर कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा।

कमरे के अंदर आलमारी खोलने लगा तभी आवाज आने पर महिला का पति चेतन साहू बरामदे में आया। चेतन को देख आरोपी पकड़े जाने के डर उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इधर आवाज सुनकर जब योगमाया बाहर आई तो उस पर भी कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने दो बच्चे तनमय और कुनाल की भी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था। इस पूरे घटनाक्रम में शामिल अन्य चार लोगों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

ऐसे की गई पूरे मामले की जांच 

दरअसल, चेतन, पत्नी योगमाया साहू व परिवार के मर्डर केस में नार्को टेस्ट जांच में काफी मदद की। तत्कालीन एसपी व वर्तमान में बिलासपुर में पदस्थ एसपी संतोष सिंह जिन्होंने पूरे मामले का स्वम सुपरविजन किया था। उन्होंने बताया कि 31 मई 2018 की इस घटना में चार लोगों के परिवार की निर्मम हत्या के बाद कुछ ही दिनों में एक आरोपी धर्मेंद्र बरीहा तीसरे दिन शक के आधार पर 3 जून को पकड़ा गया था।

घटनास्थल के पास से पीड़ित का कुछ गायब सामान धर्मेंद्र के घर से बरामद हुआ। लेकिन, सिर्फ अपनी संलिप्तता स्वीकार की और किसी के बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया। अभियुक्त और न्यायालय की अनुमति के बाद कुछ महीनों बाद उसके नार्को टेस्ट से चार और लोगों के नाम सामने आए। साक्ष्य एकत्र किए गए जो नार्को निष्कर्षों की पुष्टि कर सकते थे।

कई आरोप लगाए गए और पुलिस पर कुछ अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करने का दबाव बनाया गया था। जांच के बाद कुल पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। बाद में पुलिस की जांच व चालान के खिलाफ परिजनों के आवेदन पर हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए गए।

सीबीआई ने अपना प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने पुलिस जांच को सही ठहराया है और इन पांच के अलावा किसी अन्य की संलिप्तता नही पाया। आख़िरकार कल बड़ा फैसला आ गया। घटना जांच में लंबे समय तक लगी पूरी टीम ने पीड़ित को न्याय मिलने के फैसले पर खुशी जाहिर किया है।



Tags:    

Similar News