CG Liquor Scam: CG शराब घोटाला में CM के सचिव के खिलाफ EOW में FIR दर्ज: अरबों रुपए के घोटाले में शामिल रहने का है आरोप

CG Liquor Scam: झारखंड कैडर के आईएएस विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ शराब घोटाले में अपराध दर्ज किया गया है। इनके साथ पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा पर भी अपराध दर्ज हुआ है।

Update: 2024-09-27 13:44 GMT

CG Liquor Scam: रायपुर। झारखंड कैडर के आईएएस के खिलाफ छत्तीसगढ़ में अपराध दर्ज किया गया है। 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में शामिल रहने के आरोप में झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के खिलाफ छत्तीसगढ़ी ईओडब्ल्यू ने धारा 420 और 120 भी के तहत अपराध दर्ज किया है। उनके अलावा उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त रहे गजेंद्र सिंह के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला मामले में सिंडिकेट बनाकर 2 हजार करोड़ रुपए के अवैध धन कमाई के मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, रायपुर महापौर के भाई अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन के एमडी अरुण पति त्रिपाठी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। अब जांच के बाद इस मामले में झारखंड में मुख्यमंत्री के सचिव रहे आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।। विनय चौबे वर्तमान में झारखंड के पंचायत विभाग में सचिव के पद पर पदस्थ हैं।

विनय कुमार चौबे मुख्यमंत्री के सचिव रहने के अलावा उत्पाद विभाग में बतौर सचिव पदस्थ थे। इस दौरान छत्तीसगढ़ की शराब नीति को अपनाने के लिए झारखंड सरकार ने समिति बनाई थी। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन के एमडी अरुण पति त्रिपाठी कंसल्टेंट बनकर झारखंड गए थे। इसके एवज में झारखंड सरकार ने एक करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान अरुणपति त्रिपाठी को किया। एफआईआर के अनुसार उत्पाद विभाग के सचिव विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह ने अवैध कमाई करने वाले सिंडिकेट से जुड़कर ऐसी नीति बनाई की सिर्फ एक विशेष कंपनी ही शराब सप्लाई के लिए पात्र होकर टेंडर डाल सकती थी।

सिंडिकेट को लाभ दिलाने के लिए शराब सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसी के लिए निविदा शर्तों में 100 करोड रुपए के टर्नओवर की शर्त डाली गई। दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार पूर्व में जांच के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया नाम के कारोबारी से एक डायरी मिली। जिसमें छत्तीसगढ़ की तरह ही झारखंड की शराब नीति और शराब कारोबार पर कब्जे की योजना थी। दर्ज एफआईआर के अनुसार इस सिंडिकेट को अधिकारियों द्वारा अवैध लाभ पहुंचाये जाने के कारण झारखंड सरकार को वर्ष 2022-23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।

दर्ज एफआईआर में इन दोनों के अलावा झारखंड में शराब आपूर्ति, मैन पावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को भी आरोपी बनाया गया है। इन सभी पर धारा धोखाधड़ी की धारा 420, आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोप है कि एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचा कर उससे करोड़ो रुपए लिए गए है। अपराध दर्ज होने के बाद झारखंड में भाजपा पार्टी मुख्यमंत्री सोरेन पर हमलावर हो गई हैं। चूंकि आईएएस विनय चौबे मुख्यमंत्री के करीबी अफसर हैं और उनके सचिव भी रह चुके हैं। इसलिए विनय चौबे को सरंक्षण देने के आरोप लगातार भाजपा पार्टी मुख्यमंत्री के खिलाफ लगा रही है।

जानिए किस कंपनी को फायदा पहुंचाने रचा खेल

ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज अपराध के अनुसार झारखंड में शराब घोटाले की पटकथा छत्तीसगढ़ के ही राजधानी रायपुर स्थित एक होटल में बैठकर रची गई इसके लिए शराब घोटाले के मास्टरमाइंड अनवर ढेबर के रायपुर स्थित होटल में बैठक की गई। बैठक में अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी रहे एपी त्रिपाठी, अरविंद सिंह के अलावा झारखंड के भी अफसर शामिल रहें। बैठक में शराब घोटाले की पूरी साजिश रची गई। शराब की बोतलों में होलोग्राम के लिए प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्योरिटी लिमिटेड को ठेका दिया गया। जबकि मैन पावर सप्लाई के लिए सुमित फैसिलिटीस लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी को फायदा पहुंचाने के लिए दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति बदल दी गई। बता दे उक्त सभी लोग छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में भी आरोपी हैं।

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