CG Diamond Mine: छत्‍तीसगढ़ की धरती से निकलेगा हीरा: विवाद सुलझाने अर्जेंट हियरिंग के लिए सरकार देगी हाईकोर्ट में दस्‍तक

CG Diamond Mine: गरियाबंद के 4600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हीरे का खदान फैला हुआ है। खदान से माइनिंग कर हीरा निकालने की राज्य शासन ने एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है। हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सुनवाई अटकी हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले की शीघ्र सुनवाई करने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।

Update: 2024-10-13 07:12 GMT

CG Diamond Mine: बिलासपुर। वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरियाबंद जिले के पायलीखंड हीरा खदान से माइनिंग विवाद को सुलझाने की कोशिश शुरू की थी। तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हीरा खदान के विवाद को जल्द सुलझाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के तहत मामला दायर की थी। हालांकि इस पर सुनवाई अब भी लंबित है। मामला पेंडिंग होने के कारण हीरा खदान से माइनिंग का काम अटका हुआ है। राज्य में भाजपा की सरकार काबिज होने के बाद एक बार फिर हीरा खदान से माइनिंग को लेकर राज्य स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार राज्य शासन ने महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत से इस संबंध में विधिक सलाह मांगी थी। महाधिवक्ता ने हीरा खदान में माइनिंग विवाद को शीघ्र सुलझाने की मांग करते हुए अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर करने का सुझाव राज्य शासन को दिया है। राज्य शासन ने अपनी सहमति दे दी है।

एक याचिका अब भी लंबित

वर्ष 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विवाद को सुलझाने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर की थी। तकरीबन दो साल बाद भी मामला लंबित है। अर्जेंट हियरिंग के तहत दायर याचिका पर अब तक एक भी सुनवाई नहीं हो पाई है।

दो दिग्गजों के अहम की लड़ाई में अटका मामला

अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार ने वर्ष 2000 में गरियाबंद जिले के हीरा खदान में माइनिंग के लिए टेंडर जारी किया था। प्रक्रिया आगे बढ़ रही थी, इसी बीच केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की घोषणा कर दी। राज्य निर्माण के बाद कांग्रेस की सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई। मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा को लेकर जिस तरह राजनीति चली उसकी टीस लंबे समय तक छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिखाई देती रही। सीएम की कुर्सी पर काबिज होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने दिग्विजय सिंह के उस फैसले को पलट दिया जिसके तहत माइनिंग के लिए टेंडर जारी किया गया था। गरियाबंद जिले के हीरा खदान के माइनिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तक हल नहीं हो पाया है।

135 मिलियन टन भंडार का है अनुमान

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 135 मिलियन टन किंबरलाइट के भंडार का अनुमान है। आंकड़ों के हिसाब से ये विश्व का किसी एक माइनिंग एरिया में सबसे बड़ा भंडार है। खनन प्रारंभ होने की स्थिति में समूचे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी।

छत्तीसगढ़ में इस क्वालिटी का हीरा

दुनिया के कुछ ही देश में अलेक्जेंड्राइट पाया जाता है। गरियाबंद जिले के हीरा खदान में इसी क्वालिटी का हीरा है। देश में छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां अलेक्जेंड्राइट है। इसी जिले में दुनिया के बड़े हीरा खदानों में से एक पायलीखंड हीरा खदान भी है।

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