Bilaspur High Court: एजुकेशन सिक्रेटरी को हाईकोर्ट का नोटिस: प्रदेश के स्‍कूलों में शिक्षकों को लेकर मांगा हलफनामा

Bilaspur High Court: राजनादगांव की घटना को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव वे हलफनामा के साथ जवाब मांगा है कि प्रदेश की ऐसी स्कूलें जहां सिंगल टीचर है,जहां नहीं है और जहां आवश्यकता से कम है क्या व्यवस्था कर रही है। उनकी योजना क्या है। मामले की अगली सुनवाई 12 सितम्बर को होगी।

Update: 2024-09-09 13:30 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राजनादगांव के डीईओ द्वारा छात्राओं से किए गए दुर्व्यहार और जेल भेजने की धमकी को गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने जिला शिक्षाधिकारी के व्यवहार को लेकर ना केवल तल्ख टिप्पणी की है वरन नाराजगी भी जताई है। कोर्ट ने कहा कि 4 सितम्बर, 2024 को यह घटना घटी। अगली तारीख 'शिक्षक दिवस' थी। जब छात्राएं केवल शिक्षकों की पदस्थापना की मांग कर रहे थेनीय है। । तब डीईओ का जो व्यवहार सामने आया है वह अशोभनीय और निंदनीय है।

कोर्ट ने कहा कि जिला शिक्षाधिकारी के आचरण और व्यवहार पर विचार करते हुए, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि वे अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें। जिसमें यह बताया जाए कि छत्तीसगढ़ राज्य के उन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं, जहां न्यूनतम या कोई शिक्षक नहीं हैं। हाई कोर्ट ने सचिव के अलावा कलेक्टर राजनादगांव और डीईओ राजनादगांव को भी प्रमुख पक्षकार बनाया है।

क्या है मामला

छत्तीसगढ के राजनांदगांव में शिक्षक के बगैर ही 11वीं पास कर ली लेकिन 12वीं बोर्ड में कैसे करेंगे फाइटः "स्कूली छात्रा के मांग पर अधिकारी ने कहा- बहस मत करो, जिंदगी भर जेल में रहोगे तो समझ आएगा" "शिक्षक की मांग करने पहुंची छात्राओं को डीईओ ने धमकाया, बोले जिंदगी भर जेल की हवा खाओगे".

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के आलीवारा स्कूल के छात्रों से संबंधित है। इस विद्यालय की कुछ छात्राएं शिक्षकों की पदस्थापना की मांग को लेकर जिला शिक्षाधिकारी, राजनादगांव के कार्यालय गई थीं। उन्होंने बिना शिक्षक के ही 11वीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा होने के कारण वे चिंतित थीं। वे अपनी परीक्षा कैसे पास करेंगे। उनकी समस्याओं को सुनने के बजाय, जिला शिक्षाधिकारी अभय जयसवाल ने उन छात्रों को धमकी दी कि जेल भेजने का डर भी दिखाया।

हाई स्कूल से अपग्रेड कर बनाया है हायर सेकेंडरी स्कूल

विद्यालय पहले हाई स्कूल था जिसे अपग्रेड कर हायर सेकेंडरी स्कूल बना दिया गया है। लेकिन हाई स्कूल के शिक्षक ही हायर सेकेंडरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। गणित के शिक्षक भौतिकी पढ़ा रहे हैं जिससे छात्रों के करियर पर असर पड़ेगा। छात्रों ने पहले कलेक्टर, राजनांदगांव से मुलाकात की थी। जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि शिक्षकों की पोस्टिंग की उचित व्यवस्था की जाएगी और उन्हें जिला शिक्षाधिकारी से मिलने की सलाह भी दी थी। जब ये छात्र अपना आवेदन लेकर जिला शिक्षाधिकारी के चैंबर में गए तो जिला शिक्षाधिकारी ने उन्हें धमकी दी कि उन्हें ऐसे आवेदन लिखना किसने सिखाया और उन्हें अपने चैंबर से बाहर भगा दिया। जिला शिक्षाधिकारी का कहना था कि उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी है बल्कि सिर्फ सलाह दी है कि आवेदन में कुछ आपत्तिजनक बातें जैसे स्कूल में ताला लगाना आदि लिखा है जो नहीं लिखना चाहिए था। .

सोशल मीडिया में जमकर हुआ प्रसारित

राजनादगांव डीईओ के आचरण को लेकर सोशल मीडिया में खबरें जमकर प्रसारित हुई थी। सबसे पहले NPG ने इस मामले को उठाया था। पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि दोषी डीईओ के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। राज्य शासन की आरे से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता वाईएस.ठाकुर ने कहा कि अगली ही तारीख को उन्हें किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया और उन्हें निदेशक, लोक शिक्षण के कार्यालय में अटैच कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उक्त विद्यालय में चार शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई।

NPG लगातार उठाते रहा है शिक्षक विहीन स्कूलों की समस्या

एनपीजी लगातर शिक्षक विहीन स्कूलों की समस्या को उठाते रहा है। उन शिक्षकों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए स्कूल,बच्चों की दर्ज संख्या में शैक्षिणक व्यवस्था पर राज्य शासन का ध्यान लगातार खींचने की कोशिश की जा रही है।

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