भारत की महान गायिका जिन्होंने भागकर की शादी, घरेलू हिंसा का हुई शिकार..पढ़िए सिंगिंग के साथ कैसे बनीं ये महिला सफल रेस्तरां व्यवसायी
भारत की एक महान गायिका जिन्होंने अपने सुर से देश दुनिया में खूब नाम कमाया, इनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में भी दर्ज है। हालांकि, इन्होने अपने निजी जीवन में कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया, आइए, जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने और दर्दनाक किस्से।
NPG file photo
आज बॉलीवुड की दिग्गज गायिका आशा भोसले का जन्मदिन है। 92 साल की हो चुकीं आशा ताई ने अपनी जादुई आवाज़ से हजारों गाने गाकर लोगों के दिलों पर राज किया। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है, लेकिन उनकी प्रोफेशनल लाइफ जितनी कामयाब रही, उतनी ही उनकी पर्सनल लाइफ चुनौतियों से भरी रही।
रिजेक्शन से लेकर गिनीज बुक तक का सफर
आज जिस आवाज़ ने लाखों लोगों को दीवाना बनाया, एक समय उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। खुद आशा भोसले ने एक इंटरव्यू में बताया था कि करियर की शुरुआत में उन्हें और किशोर कुमार को उनकी खराब आवाज़ के कारण रिकॉर्डिंग स्टूडियो से बाहर निकाल दिया गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत से वो मुकाम हासिल किया, जो आज हर किसी के बस की बात नहीं। उन्होंने लगभग 12,000 से ज्यादा गाने गाकर इतिहास रच दिया।
पहली शादी में झेला था घरेलू हिंसा का दर्द
आशा भोसले की पहली शादी ने उनकी जिंदगी में तूफान ला दिया था। उन्होंने केवल 16 साल की उम्र में अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के 31 साल के सेक्रेटरी गणपतराव भोसले से भागकर शादी कर ली थी। इस फैसले से लता मंगेशकर ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया था। यह शादी उनके लिए एक दर्दनाक अनुभव साबित हुई।
गणपतराव, जो पहले लता मंगेशकर के सेक्रेटरी थे, को आशा का अपने परिवार से मिलना पसंद नहीं था। उनके बीच पैसों और पारिवारिक रिश्तों को लेकर अक्सर झगड़े होते थे। आशा भोसले ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पति उनके साथ मारपीट तक करते थे। जब उनका तीसरा बेटा होने वाला था, तब उन्हें घर से निकाल दिया गया। इस दौरान वो इतनी टूट चुकी थीं कि उन्होंने अपनी जान लेने की भी कोशिश की। करीब 11 साल तक इस रिश्ते में रहने के बाद 1960 में वो अलग हो गईं।
दूसरी शादी पर भी हुआ था बवाल
पहली शादी के गम से उबरने के बाद आशा की जिंदगी में जाने-माने संगीतकार आर. डी. बर्मन (पंचम दा) आए। दोनों साथ काम करते हुए एक-दूसरे के करीब आए और 1980 में शादी कर ली। लेकिन यह शादी भी आसान नहीं थी। पंचम दा की मां इस रिश्ते के खिलाफ थीं, क्योंकि आशा उनसे 6 साल बड़ी थीं और तीन बच्चों की मां थीं। हालांकि, बाद में पंचम दा की मां की मानसिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने इस शादी को स्वीकार कर लिया। यह पंचम दा की भी दूसरी शादी थी।
बेटी की मौत का सदमा
आशा भोसले की जिंदगी में सबसे बड़ा तूफान तब आया जब उनकी बेटी वर्षा भोसले ने 2012 में आत्महत्या कर ली। वर्षा भी एक गायिका थीं, लेकिन अपनी मां और मौसी लता मंगेशकर के साथ तुलना से हमेशा दबाव में रहती थीं। डिप्रेशन से जूझ रही वर्षा ने आखिरकार अपनी जिंदगी खत्म करने का दुखद फैसला लिया। अपनी बेटी को खोने का यह दर्द आशा भोसले के लिए सबसे गहरा था। आशा भोसले जी की जिंदगी दिखाती है कि, कामयाबी और नाम के पीछे कितनी मेहनत और कितना दर्द छिपा होता है। उन्होंने हर मुश्किल का सामना किया और संगीत के प्रति अपने जुनून से कभी समझौता नहीं किया।
ऐसे बनीं सफल रेस्तरां व्यवसायी
गायिकी के साथ-साथ आशा भोसले ने अपने कुकिंग के शौक को भी जिंदा रखा। खाना पकाने के प्यार ने आशा भोसले को एक सफल रेस्तरां व्यवसायी के रूप में भी पहचान दिलाई है। सबसे पहले उन्होंने दुबई में आशाज नाम से रेस्टोरेंट खोला। इसे खुले दो दशक बीत चुके हैं। आशा भोसले के रेस्टोरेंट में उत्तर पश्चिमी भारतीय व्यंजन परोसा जाता है। आशा भोसले का रेस्टोरेंट दुबई के अलावा कुवैत, अबुधाबी, दोहा और बहरीन जैसे कई देशों में है। इन रेस्टोरेंट का संचालन वाफी ग्रुप द्वारा किया जाता है जिसमें आशा भोसले की 20 प्रतिशत भागीदारी है। आशा भोसले ने इन रेस्तरां में खाना बनाने वाले शेफ्स को खुद छह महीने तक अच्छा खाना बनाने की ट्रेनिंग दी है।