शिक्षा विभाग में गजब की अंधेरगर्दी : 1 साल के लिए छत्तीसगढ़ में आयी थी डिप्टेशन पर….7 साल तक कुर्सी पर जमी रही… DPI और SERT में बड़े पद का मिलता रहा गिफ्ट…..अब भूपेश सरकार ने जबरिया भेजा मध्यप्रदेश

Update: 2020-02-08 12:57 GMT

रायपुर 8 फरवरी 2020। रमन सरकार में अफसरों ने ना सिर्फ भ्रष्टाचार कर करोड़ों की अफरा-तफरी की थी…बल्कि पोस्टिंग व डिप्युटेशन के नाम पर भी खूब मनमानी की। …अब सुनीता जैन का ही मामला देख लीजिये… साल 2013 में आयी तो थी सिर्फ एक साल के लिए डिप्युटेशन पर….लेकिन मैडम ने साढ़े छह साल तक प्रदेश के शिक्षा विभाग में कुर्सी थामे रखी। अब भूपेश सरकार ने डॉ सुनीता जैन का डिप्युटेशन खत्म कर वापस मध्यप्रदेश भेज दिया है। डॉ सुनीता जैन की प्रतिनियुक्ति को लेकर सरकार बेहद नाराज थी, खुद शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह डॉ सुनीता की प्रतिनियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए उसे नियम विरूद्ध बताया था।

दरअसल मध्यप्रदेश सरकार से 27 फरवरी 2013 को NOC मिलने के बाद सुनीता जैन की छत्तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति का आदेश तत्कालीन रमन सरकार ने 21 मई 2013 को माध्यमिक शिक्षा अभियान रायपुर में दी। माध्यमिक शिक्षा अभियान में उन्हें अतिरिक्त संचालक बनाया गया।

मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को 5 जून 2013 को एक साल के लिए प्रतिनियुक्ति सौंपी। बालाघाट एजुकेशन कॉलेज जहां डॉ सुनीता पदस्थ थी, वहां से 10 जून 2013 को उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया और उन्होंन 11 जून 2013 को रायपुर में ज्वाइन कर लिया। माध्यमिक शिक्षा अभियान में ज्वाइनिंग के बाद 3 सितंबर 2014 को राज्य सरकार ने एक और आदेश से उन्हें डिप्टी डायरेक्टर DPI में नियुक्त कर दिया।

बाद में 9 फरवरी 2016 को राज्य शैक्षिण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानि एसईआरटी में एडिश्नल डायरेक्टर बना दिया गया। डॉ सुनीता जैन की सेवाएं मध्यप्रदेश सरकार ने एक साल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को दी थी, लेकिन वो साढ़े छह साल तक प्रतिनियुक्ति बनी रही। राज्य सरकार ने इसे नियम विरूद्ध बताते हुए तत्काल मध्यप्रदेश सरकार को सेवा वापस दे दी है।

 

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