आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उतरीं सड़क पर, आंगनबाड़ी बंद होने पर डोर-टू-डोर रेडी-टू-ईट फूड बांट रहीं, बच्चों, गर्भवती और शिशुवती महिलओं के लिए सीएम ने दिया निर्देश

Update: 2020-03-25 08:05 GMT

NPG.NEWS
रायपुर, 25 मार्च 2020। कोरोना संकट से बचाव के लिए सरकार ने प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करा दिया है। लेकिन, बच्चों, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को पौष्टिक खाद्य सामग्री की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने रेडी-टू-ईट फूड लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतार दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं डोर-टू-डोर जाकर रेडी-टू-ईट फूड वितरित कर रही हैं।
महिला बाल विकास विभाग के सिकरेट्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान खासतौर पर निर्देश दिए हैं कि बच्चों, गर्भवती माताओं को पौष्टिक फूड की किल्लत न हो।

कोरोना वायरस के कुप्रभाव से बचाने के लिए प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्रों को आगामी 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र बंद रहने की अवधि में 6 माह से 6 साल तक बच्चों, गर्भवती और शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार रेडी-टू-ईट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके घर जाकर प्रदान किया जा रहा है। हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार वितरण के लिए आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ताओं को पर्याप्त मात्रा में रेडी-टू-ईट फूड के पैकेट उपलब्ध कराए गए है। ये रेडी-टू-ईट फूड चयनित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किया जा रहा है। महिला समूह द्वारा इनके निर्माण में पूरी गुणवत्ता और स्वच्छता का ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए इसके वितरण में कोई समस्या नही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट फूड पैकेटों के वितरण के दौरान भी पूरी तरह स्वच्छता और सावधानी रखी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के बावजूद बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा। पूरक पोषण आहार के लिए राज्य सरकार द्वारा विभाग को पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया गया है।

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