6 करोड़ EPFO अंशधारकों को लगा झटका, PF पर घटाई गई ब्याज दरे, जानें क्या होगा इसका असर

Update: 2020-03-05 08:40 GMT

नईदिल्ली 5 मार्च 2020। होले से पहले ईपीएफओ ने करोड़ों कर्मचारियों को झटका दिया है। दरअसल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (Employee provident fund) पर ब्याज दर कम कर दी है। अब नई ब्याज दर 8.50 फीसद है, जबकि पिछले साल 2018-19 में यह दर 8.65 फीसद थी। जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पीएफ जमा पर ब्याज दर घटाया गया है। इसका असर ये होगा की अब वेतनभोगियों के पीएफ पर कम ब्याज मिलेगा। अब नई ब्याज दर पिछले 7 सालों में सबसे कम है। इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 में पीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसद दी थी।

बता दें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पहले से संभावना जताई जा रही थी कि 5 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला लिया जाएगा। दरअसल, लॉन्ग टर्म एफडी, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों से ईपीएफओ को मिलने वाले रिटर्न में सालभर में 50-80 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है।

ईपीएफओ द्वारा दिया गया सालाना रिटर्न

वित्त वर्ष ब्याज दर (% में)
2018-19 8.65
2017-18 8.55
2016-17 8.65
2015-16 8.8
2014-15 8.75
2013-14 8.75
2012-13 8.5

ब्याज घटाने का था दबाव

वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बना रहा था कि ईपीएफ पर ब्याज दर को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अन्य लघु बचत योजनाओं मसलन भविष्य निधि जमा (पीपीएफ) और डाकघर बचत योजनाओं के समान किया जाए। किसी वित्त वर्ष में ईपीएफ पर ब्याज दर के लिए श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की सहमति लेनी होती है। चूंकि भारत सरकार गारंटर होती है ऐसे में वित्त मंत्रालय को ईपीएफ पर ब्याज दर के प्रस्ताव की समीक्षा करनी होती है जिससे ईपीएफओ आमदनी में कमी की स्थिति में किसी तरह की देनदारी की स्थिति से बचा जा सके।

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