स्कूल छुट्टी में भी बच्चों को दिया जायेगा 40 दिन का सूखा दाल एवं चावल…सभी कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारियों जारी हुआ आदेश

Update: 2020-03-21 14:37 GMT

रायपुर, 21 मार्च 2020। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा राज्य के समस्त कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को नावेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए घोषित शालाओं के अवकाश के दिनों में भी मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत बच्चों को 40 दिनों तक सूखा खाद्यान्न (चावल एवं दाल) प्रदान किए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आदेश में कहा गया है कि 40 दिन का सूखा दाल और चावल बच्चों के पालकों को स्कूल से प्रदाय किया जाएगा। प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 4 किलोग्राम चावल और 800 ग्राम दाल तथा उच्चतर माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 6 किलोग्राम चावल और 1200 ग्राम दाल शाला के सामान्य समय में खाना बनाने वाली एजेंसी के प्रतिनिधि के समक्ष शाला प्रमुख द्वारा प्रदाय किया जाएगा। खाद्य सामग्री के वितरण के लिए 3 एवं 4 अप्रैल 2020 की तिथि निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि के पूर्व ग्राम में मुनादी के द्वारा पालकों को इससे अवगत कराया जाएगा। वितरण के समय बच्चों के पालकों से बच्चों की उपस्थिति पंजी के मार्च माह के पृष्ठ में ही बच्चों के नाम के सम्मुख हस्ताक्षर लेते हुए चांवल एवं दाल की मात्रा का उल्लेख किया जाएगा। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शाला में भीड़ न इकठ्ठी हो। इसके लिए अलग-अगल कक्षा के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया जाए।

वितरण हेतु चावल की व्यवस्था पूर्व की तरह शासन द्वारा कूपन के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान से एवं दाल की व्यवस्था शाला में मध्याहन भोजन योजना का संचालन करने वाली एजेंसी द्वारा किया जाएगा। गुणवत्ता युक्त दाल का क्रय न्यूनतम दर पर ही किया जाए। वितरण के पश्चात जिन बच्चों के पालकों के द्वारा खाद्यान्न प्राप्त किया जाता है। उसके आधार पर ही मासिक प्रपत्र तैयार कर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया जाए। मासिक प्रपत्र के आधार पर ही संचालनकर्ता एजेंसी को कुकिंग कास्ट/दाल की राशि की प्रतिपूर्ति उनके खाते में पूर्व की तरह ही की जाए। यदि किसी शाला में किसी कारणवश चावल पर्याप्त मात्रा में न हो तो संकुल समन्वयकों की मदद से आस-पास की शाला से तात्कालिक रूप से व्यवस्था की जाए तथा आगामी माह के आबंटन में इसका समायोजन कर लिया जाए। आपात स्थिति में वितरण की कार्रवाई में जिला कलेक्टर द्वारा आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है।

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