CVRU में 28 फरवरी से 4 दिवसीय रामन लोककला महोत्सव, तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ी संस्कृति की बिखरेगी छटा… जाने माने कलाकार करेंगे शिरकत

Update: 2020-02-25 06:22 GMT
बिलासपुर 25 फरवरी 2020। डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय में 4 दिवसीय रामन लोककला महोत्सव-2020 होने जा रहा है । 28 फरवरी से चार दिनों तक समारोह में देश और प्रदेश भर के छत्तीसगढ़ी लोक कला और संस्कृति के कलाकार अपनी प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा बिखेरेंगें। 28 व 29 फरवरी को रायगढ़ घराने की कथक कला पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी में दिल्ली, मुंबई, जयपुर, इंदौर, जबलपुर ,रायगढ़ सहित देश के कई राज्यों के विख्यात कलाकार शिरकत करेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी विश्वविद्यालय परिसर में रामन लोक कला महोत्सव-2020 आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के पहले दिन रायगढ़ कथक घराने की प्रस्तुति होगी। यह 2 दिनों की राष्ट्रीय संगोष्ठी है। 28 फरवरी से 1 मार्च तक 3 दिनों में प्रदेश की छत्तीसगढ़ी लोक कला संस्कृति से जुड़े विख्यात कलाकार अपनी-अपनी विधाओं में यहां प्रस्तुति देंगे।
शुक्ला ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन विश्वविद्यालय का वार्षिक उत्सव होगा, जिसमें सुबह से शाम तक विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे। इस अवसर पर नृत्याचार्य पं. रामलाल को शारदा चौबे स्मृति कला सम्मान से विभूपित किया जाएगा। साथ ही रंग संवाद के नए अंक का विमोचन भी किया जाएगा। शुक्ला ने बताया कि आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में है, जो जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।
28 फरवरी को कथक पर राजा चक्रधर सिंह और रायगढ़ कथक की जमीन विषय पर कार्यक्रम होगा, जिसमें कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे, वरिष्ठ साहित्यकार प्रभात त्रिपाठी, खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ मांडवी सिंह, बिलासपुर के कथक कलाकार पंडित रामलाल और राजा चक्रधर के पुत्र भानुप्रताप सिंह रायगढ़, विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
इसी तरह 28 फरवरी को ही मुंबई से आए कलाकार सुनील कोठारी, ग्वालियर से भगवानदास माणिक, खैरागढ़ से चेतना ज्योतिषी ब्यौहार, सुचित्रा हरमकर इंदौर, सुनील वैष्णव बिलासपुर और सुरेष टांटेड भोपाल से उपस्थित रहेंगे। इसी दिन रायगढ़ कथक पर आधारित अलबेला रायगढ़ की प्रस्तुति होगी, जिसे डॉ मानव महंत समूह ग्वालियर द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
29 फरवरी को रायगढ़ कत्थक का वर्तमान विषय पर कार्यक्रम होगा। जिसमें अध्यक्ष के रूप में राजेश व्यास जयपुर से , अल्पना वाजपेई भोपाल से, डॉ विजया शर्मा भोपाल से, मोहिनी मोगे जबलपुर से, वासंती वैष्णव बिलासपुर और विवेक देशमुख खैरागढ़ से शामिल होंगे। 29 फरवरी को ही कथक का भविष्य विषय पर कार्यक्रम होगा। जिसमें विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे दिल्ली से साहित्यकार लीलाधर मंडलोई, रायगढ़ की कलाकार विजयाश्री और वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष सतीश जायसवाल उपस्थित रहेंगे।

तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ी संस्कृति की बिखरेगी छटा

28 फरवरी को अलबेला रायगढ़ की प्रस्तुति डॉ. मानव महंत , छत्तीसगढ़ी फोक बैंड पांच-मितान खैरागढ़, लोरिक चंदा रामाधार साहू द्वारा कंचादूर दुर्ग, राउत नाच सीवीआरयू, रश्मि वर्मा पंडवानी तथा टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र द्वारा समूह नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। 29 फरवरी को भिलाई का ढोला मारू, नवारंग समूह का छत्तीसगढ़ी लोकगीत, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र का गेड़ी, करमा नृत्य। मनबोध सिंह श्याम का सुआ, कर्मा और ददरिया भैसाझार, एनएसएस ग्रुप का छत्तीसगढ़ी नाटक, जसगीत और छत्तीसगढ़ फिल्म कलाकार पद्मश्री आरूग बैंड की प्रस्तुति होगी।

एक मार्च को भिलाई की अमृता बारले भरथरी , पंथी नृत्य मुंगेली, बांस गीत, टैगोर विश्वकला संस्कृति केंद्र का समूह नृत्य, फाग गीत ग्राम बीजा और लोक कला मंच के कार्यक्रम होंगे। इसके बाद को एक मार्च के वार्षिक उत्सव में विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे।

सरकारी व निजी स्टालों में रोजगार की जानकारी

मेले में कला संस्कृति में साथ सरकारी व गैर सरकारी स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जिसमें युवाओं को संस्कृति से परिचित कराने और रोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन और अन्य निजी क्षेत्र के स्टाल बड़ी संख्या में लगाए जाएंगे।

 

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