15 दिन में घर भेजे जाएं सभी प्रवासी मज़दूर, सड़क पर चलने के खिलाफ दर्ज मामले लिए जाएं वापस : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली 9 जून 2020। प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और आज से 15 दिनों के अंदर मजदूरों को उनके घर भेजा जाए. कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी.
रोजगार प्रदान करने के लिए डेटा की जांच हो. साथ ही प्रवासियों की पहचान के लिए योजना निर्धारित हो. प्रवासियों की स्किल मैपिग हो ताकि तय करना आसान हो कि उन्हें कुशल या अकुशल कौन सा कार्य सौंपा जाए. प्रवासियों के खिलाफ सभी शिकायतों व मुकदमों को को वापस लिया जाए.
बताते चले कि मजदूरों को भेजे जाने, रजिस्ट्रेशन, और उनके रोजगार की व्यवस्था जैसे बिंदुओं पर केंद्र व राज्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश जारी किया. जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने आदेश सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”15 दिनों में सभी प्रवासियों को वापस भेजा जाए. प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर बनाए जाएं.”
सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों से हलफनामा मांगा है. राज्य 15 दिन में बचे हुए श्रमिकों को अपने अपने गांवों तक भेजे. श्रमिक ट्रेन ज्यादा चलाई जाय ताकि उनको यात्रा के लिए अप्लाई करने के 24 घंटों में ही ट्रेन मिल जाए.
