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उद्यमिता विकास के लिए फाइव S जरूरी...साहस, समन्वय, सहयोग, सकारात्मकता और सृजनशीलता और छत्तीसगढ़ में इसकी कमी नहीं-कुलपति प्रो0 चक्रवाल, विवि और ईडीआईआई के साथ हुआ अहम एमओयू

कुलपति ने कहा, मैं इस विश्वविदयालय के विद्यार्थियों को केवल शिक्षित नहीं बल्कि सक्षम, समर्थ एवं काबिल बनाना चाहता हूं जो मानसिक तौर पर मजबूत उद्यमी प्रकृति के साथ जो नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाले बनें। यह अभी शुरुआत है लेकिन शुरुआत अच्छी है।

उद्यमिता विकास के लिए फाइव S जरूरी...साहस, समन्वय, सहयोग, सकारात्मकता और सृजनशीलता और छत्तीसगढ़ में इसकी कमी नहीं-कुलपति प्रो0 चक्रवाल, विवि और ईडीआईआई के साथ हुआ अहम एमओयू
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By NPG News

बिलासपुर, 8 दिसंबर 2021। इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय और एंटरप्रिन्योरशिप डेवेलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच आज महत्वपूर्ण एमओयू हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से प्रभारी कुलसचिव सूरज कुमार मेहर और एंटरप्रिन्योरशिप डेवेलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) अहमदाबाद की ओर से महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

एमओयू कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों के मध्य हुए एमओयू का आज का दिन विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक है...आने वाले समय में आज के दिन को गर्व के साथ याद किया जाएगा। उद्यमिता विकास के लिए मानसिकता में बदलाव पर जोर देते हुए पांच एस साहस, समन्वय, सहयोग, सकारात्मकता और सृजनशीलता के गुणों को जरूरी बताया।

कुलपति ने कहा कि एंटरप्रिन्योरशिप डेवेलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, विश्व में अपने तरह की अकेली संस्था है। मैं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर ज्योति जगाना चाहता हूं। उद्यमिता के लिए जरूरी साहस और परिश्रम की छत्तीसगढ़ और उससे समीपवर्ती राज्य मध्य प्रदेश, झारखंड और ओड़िशा में कोई कमी नहीं, यहां सिर्फ उद्यमिता विकास लिए जागरुकता की अलख जगाने की आवश्यकता है।

कुलपति ने कहा, मैं इस विश्वविदयालय के विद्यार्थियों को केवल शिक्षित नहीं बल्कि सक्षम, समर्थ एवं काबिल बनाना चाहता हूं जो मानसिक तौर पर मजबूत उद्यमी प्रकृति के साथ जो नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाले बनें। यह अभी शुरुआत है लेकिन शुरुआत अच्छी है।

विश्वविदयालय के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि आप सभी में क्षमता, शक्ति और संभावनाएं हैं। आप सभी को परिवर्तन लाने के लिए उत्प्रेरक बनना है। इस अवसर पर उन्होंने उद्यमिता के क्षेत्र में शून्य से शिखर पर पहुंचने वाले प्रसिद्ध उद्योगपतियों के कौशल, चातुर्य, विवेक और चयन का उदाहरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सुनील शुक्ला महानिदेशक एंटरप्रिन्योरशिप डेवेलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) अहमदाबाद ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के साथ एमओयू होने से इस क्षेत्र के युवाओं के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय में उद्यमिता के क्षेत्र में विकास की असीम क्षमता है, हमें इस क्षमता को संग्रहित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हर व्यवसाय में नवाचार संभव नहीं होता बल्कि कौशल विकास, मूल्य वृद्धि एवं व्यापार के प्रसार की संभावना होती है। हम पहले से छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। देश में उद्यमिता के लिए यह बहुत ही अनुकूल समय है। इस अवसर पर प्रो. शुक्ला ने सरकार की विभिन्न योजनाओं मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया के अनुदान के संबंध में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की।

डॉ. अमित द्विवेदी सह-प्राध्यापक ईडीआईआई अहमदाबाद ने भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान में उपलब्ध विभागों, सुविधाओं और कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

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