युवक की पिटाई प्रकरण: राजधानी पुलिस ने युवक के पिता के आरोपों को बताया बेबुनियाद….CSP अंकिता ने पूछा, मामले के घंटों बाद आरोपों से भरा पोस्ट क्यों, आरोपों का दिया सिलसिलेवार जवाब

रायपुर 1 जुलाई 2021। बेटे की पुलिस पिटाई मामले में सहित्यकार रमेश अनुपम के सनसनीखेज आरोपों का राजधानी पुलिस ने खंडन किया है। राजधानी पुलिस ने आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताया है। CSP ने युवक के पिता की मंशा पर सवाल उठाते हुए आरोपों की प्रामाणिकता मांगी है, साथ ही ये सवाल भी पूछा है कि आखिरकार इस घटनाक्रम पर घंटो बाद सोशल मीडिया में पोस्ट क्यों किया गया। CSP अंकिता शर्मा ने युवक के पिता से पूछा…
,”शासन के आदेशानुसार सरस्वती नगर थाना पुलिस रोजाना 8 बजे सभी प्रतिष्ठानों को बंद कराने निकलती है। इस दौरान अक्षत वहाँ पहुँचकर थाना प्रभारी एवं पुलिस के जवानों से आपत्तिजनक शब्दों में बहस करने लगा था। जिसके बाद उस पर वैधानिक कार्रवाई करने के लिए थान ले जाया गया था. अक्षत के पिता द्वारा पुलिस पर जो भी आरोप लगाया गया उसका क्या प्रमाण है. इस तरह के बे बुनियादी आरोप पूरे तरीके से गलत है. पुलिस के पास पूरे कार्रवाई के संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध है.”
अगर अक्षत को बल पूर्वक थाने ले जाया गया था, तो इसकी जानकारी उनके पिता को कैसे मिली ?
अगर पुलिस द्वारा वहां दुकान वालों से मारपीट किया जा रहा था, तो क्या अक्षत ने उसका वीडियो बनाया है ?
पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके पुत्र को थाने में जबरदस्ती शराब की बॉटल पिलाई जा रही थी, अगर पुलिस ऐसा करती तो अक्षत पर कार्रवाई क्यों नही की, यदि पुलिस की नियत यही थी तो?
अगर पुलिस ने उनके सामने ही थाने में अक्षत की पिटाई की, तो उन्होंने मौके पर ही इसका विरोध क्यों नही किया, जबकी उन्होंने अपने post में लिखा है वो
“ग़लत नही सहते”?
मारपीट की शिकायत तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों से क्यों नही की गई, social Media में घंटो बाद जारी करने का आशय?
अगर अक्षत को चोटें आई थी, तो उसका सुपुर्तनामा क्यों लिया गया ? तब ही इंकार करना था। इसके प्रमाण भी नही दिए के चोट कैसे आइ, थाने में आइ या पूर्व की चोट है?
अगर पुलिस की मंशा अक्षत पर जबरदस्ती NDPS कार्रवाई करने की थी,और झूठे गांजा प्रकरण की थी तो case क्यू नही बनाया? इसका मतलब बात तथ्यहीन है।
अक्षत के पिता के पास क्या प्रमाण है, की उनके पुत्र को चोट तात्कालिक है, और उन्हें थाने में ही मारा गया है ?
आखिर क्यों पूरी घटना के 18 से 20 घँटे बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला गया है ?
पुलिस पर इस तरह के आरोप पूरे तरीके गलत है. पुलिस ने नियमानुसार पूरी कार्रवाई की है. जिसके साक्ष्य क़ानूनी काग़ज़ में पुलिस के पास मौजूद है।