रायपुर 24 जून 2021। 23 जून को एऩपीजी ने छत्तीसगढ़ के एक पर्यावरण प्रेमी की ग्लोबल हिटिंग पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसकी हेडलाइंस थी “जानिए, वरना करोना से भी भयावह स्थिति अभी आएगी…. मौत की ओर पल-पल बढ़ रही है नई पीढ़ी.”
आज अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है कि यूनाइटेड नेशन, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की एक रिपोर्ट जो 2022 में प्रकाशित होनी है, लीक हो गई है जिसमें यूनाइटेड नेशन ने चेताया है कि हमारे बच्चों और पोते पोतियो के जीवन को प्रभावित करने वाली सबसे बुरी स्थिति अभी आनी बाकी है
जागिये, वरना करोना से भी भयावह स्थिति अभी आएगी….मौत की ओर पल-पल बढ़ रही नई पीढ़ी?
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि व्यापक रूप से फैली बीमारियां, जीव जंतुओं की प्रजाति का अस्तित्व समाप्त होना, व्यापक रूप से ना जीने योग्य हीट वेव, परिस्थिति तंत्र का समाप्त होना, समुद्री स्तर बढ़ने से शहरों का खतरनाक स्तर पर पहुंच जाना, इनका सबका असर आज जन्म लिया बच्चा 30 साल बाद देखेगा.
NPG ने प्रकाशित किया था कि आज जन्म लिया बच्चा अपने जीवन में 2060-2080 तक, औद्योगिक युग के तापमान से 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान देखेगा तब मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ने लगेगा. पर्माफोस्ट के कम होने से उसमें दबे करोड़ों वायरस सक्रिय हो जायेंगे जो बर्फ के अंदर दफन है, निसंदेह इसमें कोविड-19 सामान कई बिमारिया फैलेंगी। तापमान मापने के एक अन्य तरीके “वेट बल्ब सेल्शियस थर्मामीटर” के माप के अनुसार मानव 27 डिग्री सेल्शियस तापमान पर आरामदेह होता है।
वेट बल्ब तापमान 32 डिग्री होने पर मजबूत आदमी भी बाहरी कार्य नहीं कर सकता। वेट बल्ब 35 डिग्री होने पर मानव जिन्दा नहीं रह सकता। पिछले कुछ वर्षों में कतार की राजधानी दोहा में 14 मौकों पर वेटबल्ब का तापमान 32 डिग्री पंहुच गया था। करोना के दौरान मानव ओक्सीजन के कारण मरा परन्तु जलवायु संकट के कारण घर से बहार निकलने से जिन्दा नहीं रह पायेगा।
NPG द्वारा प्रकाशित लेख में जलवायु परिवर्तन को लेकर वैसी ही चेतावनीया प्रकाशित की थी जैसे कि यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में उल्लेखित है.
फ्रांस की न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी के अनुसार इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने कहा है कि वह रिपोर्ट पर कोई कमेंट नहीं करेंगे क्योंकि ड्राफ्ट रिपोर्ट अभी बनाई जा रही है.