Begin typing your search above and press return to search.

सीएम की फोटो क्यों नहीं?

सीएम की फोटो क्यों नहीं?
X
By NPG News

संजय के दीक्षित

तरकश 2 मई 2021. 18 प्लस को वैक्सीन लगाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार शाम कैबिनेट के साथियों और कलेक्टरों के साथ वर्चुअल चर्चा की। इसमें कृषि मंत्री रविंद्र चैबे ने सुझाव दिया. 45 प्लस को वैक्सीन के सर्टिफिकेट में जब प्रधानमंत्री की फोटो आती है तो फिर राज्य अपने पैसे से वैक्सीन लगवा रहा, इसमें मुख्यमंत्री की फोटो क्यों नहीं लगनी चाहिए। सबको यह बात जमी। वर्चुअल मीटिंग में आईटी के जानकार सिकरेट्री डॉ आलोक शुक्ला भी कनेक्ट थे। उन्होंने बताया, अलग से एप्प बनाने के लिए भारत सरकार से अनुमति लेनी होगी। इस पर उन्हें कहा गया, वे देखें इसमें क्या किया जा सकता है। इसलिए, कोई आश्चर्य नहीं, छत्तीसगढ़ का अपना कोविन एप्प भी जल्द बन जाए।
उंट के मुंह में जीरा
18 प्लस में अंत्योदय को वैक्सीन लगाने सरकार के फैसले पर भले ही सवाल उठाए जा रहे मगर वास्तविकता यह है कि अभी जितना वैक्सीन आया है, उसमें अंत्योदय को भी लंबा वेट करना होगा। अभी डेढ लाख डोज आए हैं। सूबे मेें 14 लाख अंत्योदय परिवार हैं। एक घर से तीन सदस्य भी जोड़ें तो 42 लाख होते हैं। और वैक्सीन है मात्र डेढ लाख। फिर भी अंत्योदय को खोजने मे कलेक्टरों को पसीना आ गया। कल देर शाम सरकार ने अंत्योदय का फैसला लिया और कलेक्टरों के पास कुछ घंटे का वक्त था। कुछ जिलोें मेें दो-चार से महज बोहनी हो सकी। रायपुर मेें जरूर बीपीएल के साथ ही बैंक कर्मियों को भी टीके लग गए। पता चला है, आंध्र से संबंधित एक बैंक कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग ने चुपके से टीका लगा दिया। विधायक शकुंतला साहू ने जिस तरह सोशल मीडिया में वैक्सीन लेते फोटो पोस्ट की थी, बैंक कर्मियों ने भी वही चूक की। और भंडाफोड़ हो गया।

कलेक्टर बोले तो…

सरकार पाॅलिसी बनाती है और कलेक्टरों पर उसके क्रियान्वयन का जिम्मा होता है। कोविड की दौर में कलेक्टरों की यह भूमिका दिखाई नहीं पड़ रही। कई कलेक्टरों की प्रायवेट अस्पताल वाले सुन नहीं रहे। जबकि, कलेक्टर जिले के दंडाधिकारी भी होते हैं। आपदा के समय उन्हेें और पावर मिल जाता है। हालांकि, दुर्ग कलेक्टर ने बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल को बता दिया कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट क्या होता है। अस्पताल प्रबंधन 50 बेड से अधिक बढाने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन, कलेक्टर सर्वेश भूरे ने बंद कमरे में बुलाया और अस्पताल प्रबंधन ने 50 से बढ़ाकर 600 बेड कर दिया।

तीसरी पारी…

राजस्थान समेत कई राज्य सरकारों ने एमबीबीएस करने के बाद आईएएस बने अफसरों को कोरोना को कंट्रोल करने में झोंक दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी डॉ. आलोक शुक्ला को हेल्थ सिकरेट्री का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा है। आलोक देश के पहले अफसर होंगे, जिन्हें तीसरी बार हेल्थ सिकरेट्री बनने का अवसर मिला है। इससे पहले रमन सिंह की पहली और तीसरी पारी में हेल्थ सिकरेट्री रहे थे। आलोक काबिल और रिजल्ट देने वाले अफसर माने जाते हैं। फूड सिकरेट्री रहने के दौरान उनका पीडीएस देश का मॉडल बन गया। इसके लिए उन्हें पीएम अवार्ड मिला। कायदे से कुछ और डाक्टर आईएएस को हेल्थ मेें लेना चाहिए।
लॉकडाउन में मछली
मनेन्द्रगढ़ के विधायक डॉ. विनय जायसवाल के गले में मछली का कांटा फंस गया। वहां के डॉक्टरों ने काफी कोशिश की। मगर बात बनी नहीं। उल्टे विनय को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उनकी हालत ऐसी बिगड़ने लगी कि सरकारी हेलीकॉप्टर भेजने फोन लगाया गया। राजधानी के पुलिस लाइन हैंगर से हेलीकॉप्टर टेकऑफ करने वाला था कि खबर आई डॉक्टरों ने कांटा निकाल दिया है। यह खबर जब वायरल हुई तो विडंबना देखिये, विनय से सहानुभूति व्यक्त करने की बजाय राजधानी में कांग्रेस के लोगों का पहला सवाल था, लॉकडाउन में विनय को मछली मिली कहाँ से? सवाल गलत भी नहीं था। लॉकडाउन में सब लॉक हो गया है…। ऐसे में, विनय मछली उड़ाएं…मन ललचाएगा ही।

अंत में दो सवाल आपसे

1. रैमडेसिविर जब जरूरी नहीं है तो फिर इसके लिए मारामारी क्यों हो रही?
2. कोविड केे समय किस कलेक्टर के पारफारमेंस से सरकार खुश नहीं है?

Next Story