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क्यों कह रहे हैं MLA धर्मजीत सिंह – “कांग्रेस का तो सवाल नहीं.. और भाजपा की संभावना से इंकार नही”

क्यों कह रहे हैं MLA धर्मजीत सिंह – “कांग्रेस का तो सवाल नहीं.. और भाजपा की संभावना से इंकार नही”
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By NPG News

बिलासपुर,20 फ़रवरी 2021। मौजुदा स्थिति में छजका से लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने एक संक्षिप्त सी बात वो भी संकेतों से परे जाकर कही है, और यह बात तूफ़ान उठाने के लिए पर्याप्त है। चाय पीते पीते इस खबरनवीस से कही गई बात सियासती चाय के प्याले में तूफ़ान लाने को पर्याप्त है।
MLA धर्मजीत सिंह से 2023 के हवाले से सवाल हुआ –

– आपको लेकर यह बात हमेशा क्यों होती है कि, 2023 के चुनाव आते तक आप दूसरे दल का दामन थाम लेंगे ?

चाय की प्याली को थामे धर्मजीत सिंह ने जवाब दिया-

“चर्चा होनी चाहिए.. राजनीति में चर्चा तो होती ही है.. और जहां तक 2023 का सवाल है तो कांग्रेस किसी सूरत मेरा विकल्प नहीं हो सकती.. सवाल ही नहीं उठता.. और भाजपा की संभावनाओं से मुझे कोई इंकार नहीं है”

बिलासपुर ईलाके के दिग्गज नेताओं में एक और विधायकी की चौथी पार खेल रहे धर्मजीत सिंह की यह बात गहन गंभीर है, और धर्मजीत सिंह के भाजपा या कांग्रेस प्रवेश की यह बातें भले तमाम अगर मगर के साथ होती रही हो, पर उन्होंने खुद सीधे या संकेतों में भी नहीं कहा है।
विद्याचरण शुक्ल के राजनैतिक पाठशाला के मेधावी छात्र धर्मजीत सिंह उन समर्पित विधायकों में एक थे जो विद्याचरण को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए खुले तौर पर सामने थे। बाद में जबकि स्व. शुक्ल जब भाजपा चले गए तो धर्मजीत कांग्रेस के साथ ही बने रहे।
विद्याचरण शुक्ल के तब के साथ का नतीजा यह रहा कि, धर्मजीत सिंह मंत्री नहीं बनाए गए। लेकिन उसके बाद भी वे पूरी मुखरता से सक्रिय रहे। धर्मजीत सिंह का ग्राफ़ हमेशा उपर की ओर ही बढ़ता रहा।
2013 के बाद जबकि कांग्रेस के भीतर जोगी हटाओ मुहिम चली। वह निर्णायक क्षण आया जबकि लोरमी में कांग्रेस का शिविर आयोजित हुआ, और इस शिविर में ना तो धर्मजीत सिंह को न्यौता मिला और ना ही किसी फ्लैक्स बैनर पर नाम ही दिया गया। इस लोरमी अधिवेशन ने ही धर्मजीत सिंह की राहें कांग्रेस से जुदा कर दी। 2018 में छजका विधायक के तौर पर धर्मजीत सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी।
सियासत अनिश्चितताओं का नाम है, यहाँ कई बार चमत्कार शब्द भी स्तब्ध हो जाता है। विद्याचरण के भाजपा प्रवेश के बाद कांग्रेस के साथ बने रहने वाले धर्मजीत सिंह अब खुद भाजपा को सशक्त संभावना बताने से इंकार नहीं कर रहे हैं। वजह साफ़ है लोरमी अधिवेशन की वह फाँस वह चुभन ठाकुर धर्मजीत सिंह को अब भी सताती है, इसलिए कांग्रेस में वापसी की बात वे दृढ़ता से ख़ारिज करते हैं।

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