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कौन हैं खुशबू सुंदर, जिन्हें पार्टी ने प्रवक्ता के पद से हटाया…. बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस छाेड़ने वाली खुशबू के बारे में जानिये

कौन हैं खुशबू सुंदर, जिन्हें पार्टी ने प्रवक्ता के पद से हटाया…. बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस छाेड़ने वाली खुशबू के बारे में जानिये
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By NPG News

नयी दिल्ली 12 अक्टूबर 2020। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को अभिनेता से नेता बनी खुशबू सुंदर को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया। खुशबू सुंदर आज जेपी नड्डा से मुलाकात कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगी। वह इसके लिए दिल्ली के लिए रवाना भी हो चुकी हैं। हालांकि एयरपोर्ट उन्होंने इससे जुड़े सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। खुशबू के बीजेपी में शामिल होने से अगले वर्ष के लिए तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी फायदा मिलने की संभालवा हैं। बीजेपी उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर पेश कर सकती है।

29 सितंबर 1970 को जन्मी खुशबू ने हिंदी फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ (1980) से एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था। वह बाल कलाकार के रूप में कई हिंदी फिल्मों का हिस्सा रहीं। खुशबू ‘नसीब’, ‘लावारिस’, ‘कालिया’, ‘दर्द का रिश्ता’ और बेमिसाल जैसी फिल्मों का हिस्सा थीं। बाद में 1985 में, उन्होंने ‘जानू’ में जैकी श्रॉफ के साथ अभिनय किया। उन्होंने 1990 में ‘दीवाना मुझ सा नहीं’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें आमिर खान और माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया था।

हालांकि, खुशबू ने मुख्य रूप से तमिल फिल्मों में अभिनय किया और खूब नाम कमाया। उन्होंने मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है। 50 वर्षीय ने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने रजनीकांत, कमल हसन, चिरंजीवी और जैसे कई दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया है। दक्षिण में उनकी लोकप्रियता ऐसी है कि उनके प्रशंसकों ने उन्हें एक मंदिर समर्पित किया गया है।

दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री ने 2014 में कांग्रेस का दामन थामते हुए कहा था कि ‘आखिरकार मैं अपने घर आ गई हूं। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारत के लोगों के लिए अच्छा और देश को एकजुट कर सकती है।’ हालांकि कांग्रेस ने 2014 में उन्हें न तो लोकसभा का टिकट दिया और न ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया था।

कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘कुछ तत्व पार्टी के भीतर उच्च स्तर पर बैठे हैं, जिनका जमीनी हकीकत या सार्वजनिक मान्यता से कोई जुड़ाव नहीं है, वे आदेश दे रहे हैं।’ कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद से वह नाराज चल रही थीं।

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