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….जब प्रणब दा ने उदघाटन के तुरंत बाद एयरपोर्ट के उसी नये टर्मिनल से भरी थी वापसी की उड़ान… राष्ट्रपति रहते तीन बार आये थे छत्तीसगढ़… छत्तीसगढ़ से जुड़ी प्रणब बाबू की वो यादें जो कभी नहीं मिटेगी

….जब प्रणब दा ने उदघाटन के तुरंत बाद एयरपोर्ट के उसी नये टर्मिनल से भरी थी वापसी की उड़ान… राष्ट्रपति रहते तीन बार आये थे छत्तीसगढ़… छत्तीसगढ़ से जुड़ी प्रणब बाबू की वो यादें जो कभी नहीं मिटेगी
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By NPG News

रायपुर 31 अगस्त 2020। ...प्रणब दा ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। दशकों तक राजनीति के अजातशत्रु बने रहे प्रणब दा के जुड़ी देश में कई यादें हैं। छत्तीसगढ़ से भी उनकी यादों का लंबा सिलसिला है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की यादें छत्तीसगढ़ से भी जुड़ी हुई है। प्रणब मुखर्जी ने चार बार छत्तीसगढ़ का दौरा किया, जिसमें से तीन बार वो बतौर राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ आये थे, वहीं एक बार वो बतौर विदेश मंत्री छत्तीसगढ़ आये थे। प्रणब मुखर्जी के छत्तीसगढ़ से जुड़ी यादों में सबसे पहले साल 2007 का जिक्र आता है। विदेश मंत्री रहते प्रणब दा रायपुर में नये पासपोर्ट कार्यालय का उदघाटन करने के लिए छत्तीसगढ़ आये थे।

वहीं राष्ट्रपति रहते वो पहली बार साल 2012 में छत्तीसगढ़ दो दिनों के लिए आये थे। 6 और 7 नवंबर को अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ को कई सौगातें दी थी, जिसमें नये मंत्रालय परिसर का उदघाटन, स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के नये एकीकृत टर्मिनल भवन का उदघाटन शामिल थे। प्रणब दा इसी दौरे में नारायणपुर भी गये थे, जहां उन्होंने जनजाति कल्याण विभाग के 500 सीटर छात्रावास और रामकृष्ण मिशन आश्रम के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन का भूमिपूजन किया था।

छत्तीसगढ़ साल 2014 में भी आये थे। 26 जुलाई 2014 को पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रणब दा रायपुर आये थे। रविशंकर यूनिवर्सिटी का साल 2014 में स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह था। वहीं आखिर दफा वो IIM छत्तीसगढ़ के दीक्षांत में रायपुर आये थे। प्रणब मुखर्जी बतौर राष्ट्रपति 17 अप्रैल 2015 को IIM के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आये थे।

जब नये टर्मिनल से पहली उड़ान भरी थी प्रणब दा ने

7 नवंबर को प्रणब मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया था। इस दौरान मुखर्जी ने उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में क्षेत्र की प्रगति को रफ्तार देने में हवाई यातायात को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि, ‘इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

उन्होंने कहा था कि हवाई सुविधा से विस्तार से पर्यटन, व्यापार, उद्योग आदि गतिविधियों में तेजी आती है तथा इससे रोजगार और समृद्धि बढ़ती है। उन्होंने पुराने छोटे टर्मिनल के समीप बनाए गये नये टर्मिनल का उदघाटन किया था, और फिर वहीं से वापसी की उड़ान भी भरी।
उस दौरान कार्यक्रम में तत्कालीन राज्यपाल शेखर दत्त, तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, तत्कालीन केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह, तत्कालीन केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री केसी वेणुगोपाल समेत कई वरिष्ठ नेता व अधिकारी उपस्थित थे।

उस दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर रायपुर हवाई अड्डे का नाम स्वामी जी के नाम पर रखे जाने की सराहना की थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के सुझाव को स्वीकार करते हुए हवाई अड्डा परिसर में स्वामी विवेकानंद की पूर्ण आकार की भव्य प्रतिमा लगाये जाने का अनुमोदन किया।

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