…जब आधी रात अजीत जोगी को आया था राजीव गांधी के PA का फ़ोन….बोले – ‘बस ढाई घंटा है’…यहीं से उनकी जिंदगी ने लिया नया मोड़…
रायपुर 29 मई 2020 छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार को रायपुर के श्रीनारायणा अस्पताल में निधन हो गया. अजीत जोगी दिल के दौरे के बाद यहां भर्ती हुए थे. जोगी लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थे. बताया जाता है कि उन्हें तकरीबन 19 दिनों के अंदर तीसरी बार दिल का दौरा पड़ा था
अजीत जोगी जब रायपुर के कलेक्टर थे तब राजीव गांधी पायलट थे. वो उड़ान के दौरान रायपुर उतरते थे तो जोगी उनके खाने पीने का इंतजाम करते थे. अजीत जोगी को एयरपोर्ट अथॉरिटी से खबर मिल जाती थी कि राजीव गांधी कब आ रहे हैं. यहीं से उनके करियर ने रफ्तार पकड़ी. इसके अलावा जब अजीत जोगी राज्यसभा सदस्य थे तो वो उस चर्च में अक्सर जाते रहते थे जहां सोनिया गांधी जाती थी. ऐसे उन्हें सोनिया से मिलने का मौका मिल जाता था.
राजीव गांधी ने बदली किस्मत
अजीत जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह के बेहद करीब थे. राजीव गांधी के कांटेक्ट में आने के बाद अजीत जोगी के राजनीतिक करियर को मजबूत पकड़ मिली. 1985 में अजीत जोगी इंदौर के कलेक्टर थे. रेसिडेंसी एरिया स्थित बंगले में रात के वक्त एक फोन आया और कलेक्टर साहब यानी अजीत जोगी को उठाया गया. फोन के दूसरी तरफ थे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पीए वी जॉर्ज. उन्होंने अजीत जोगी से कहा- ”राजनीति में आना है या कलेक्टर ही रहना है, सोच लो, आपके पास ढाई घंटा है. आपका जो भी फैसला हो वो दिग्विजय सिंह को बता देना, वो आपसे मिलने आएंगे.”
छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी
फोन पर ये बात होने के कुछ समय बाद दिग्विजय सिंह कलेक्टर आवास पर पहुंचे और इस तरह अजीत जोगी ने कांग्रेस जॉइन कर ली. कांग्रेस जॉइन करने के बाद अजीत जोगी और गांधी परिवार के बीच करीबी से करीबी बढ़ती चली गई, वो राजीव गांधी के बेहद भरोसेमंद हो चुके थे. 31 अक्टूबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो अजीत जोगी बाजी मार ले गए और इस तरह वो राज्य के पहले सीएम बने.
बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ था जोगी का जन्म
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे उनका पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है. बिलासपुर के पेंड्रा में जन्मे अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी की. जोगी 1981 से 85 तक इंदौर के जिला कलेक्टर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. फिर इसके बाद इन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की. जोगी ने भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में की थी. ये नौ नवंबर 2000 से 6 दिसंबर 2003 तक राज्य के सीएम रहे. चौदहवीं लोकसभा में जोगी महासमंद से 2004 से 08 तक सांसद भी रहे. 2008 में मरवाही क्षेत्र से ये एमएलए चुने गए.