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धनतेरस कब है? 12 या 13 नवंबर…. खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए क्या है सही तिथि और पूजन विधि

धनतेरस कब है? 12 या 13 नवंबर…. खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए क्या है सही तिथि और पूजन विधि
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By NPG News

रायपुर 11 नवंबर 2020. 12 नवंबर की रात्रि 9:30 बजे से त्रयोदशी का शुभारंभ हो रहा है. ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन्वंतरी जयंती मनाई जाती है. गुरुवार से शुक्रवार 13 नवंबर की संध्या करीब 6:00 बजे तक कुल 4 खरीदारी के शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं.

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा

धनतेरस के पावन दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा खरीदना शुभ होता है। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा खरीदने से जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। धनतरेस के दिन मां लक्ष्मी की धन- वर्षा करते हुए प्रतिमा लेना शुभ रहता है।

चांदी
धनतेरस के पावन दिन चांदी के सिक्के, आभूषण खरीदना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी पूजा के दिन चांदी के वस्तुओं की पूजा भी करनी चाहिए।

पीतल
धनतेरस के दिन पीतल की चीजें लेना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और भगवान धन्वंतरि को पीतल की चीजें प्रिय होती हैं।

झाडू
धनतेरस के दिन झाडू खरीदना शुभ होता है। धनतेरस के दिन झाडू जरूर खरीदें। झाडू को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार झाडू खरीदने से दरिद्रता का नाश होता है। इस दिन झाडू खरीदने से घर का वातावरण भी साकारात्मक रहता है।

मिट्टी के दीपक
दिवाली के महापर्व में दीपक जलाएं जाते हैं। धनतेरस के पावन दिन मिट्टी के दीपक जरूर खरीदें। धनतेरस के दिन मिट्टी के दीपक खरीदना शुभ रहता है।

पूजा की सामग्री

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, बताशा, जनेऊ, श्वेत वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टा की माला, शंख, थाली, आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते व प्रसाद की आवश्यकता होगी.

शनिवार को दीपावली की रात में होगी काली पूजा

देवनगरी में 14 नवंबर को दीपावली के दिन अमावस्या तिथि पर रात में करीब पांच दर्जन से अधिक पूजा समितियों के द्वारा मां काली की पूजा का आयोजन किया जायेगा. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. समितियों की ओर से कोविड महामारी को देखते हुए आमलोगों को पूजा मंडप व पंडाल में इंट्री नहीं कराने का निर्णय लिया गया है.

वहीं मंडपों में सैनिटाजर व मास्क की भी व्यवस्था रखी जायेगी. मां काली की पूजा रात में करीब आठ बजे से शुरू होकर देर रात दो बजे तक चलेगी. शहर में मुख्य रूप से बाबा मंदिर के भीतरखंड मंडप, घड़ीदार मंडप, बंगलापर मंडप, अभया दर्शन, बसंती मंडप, संगम समाज, हृदयापीठ मंडप, हरलाजोड़ी, श्मशान घाट, दक्षिण मशान, हाथी पहाड़, त्रिकुट पहाड़, पार्टनर ग्रुप सहित अन्य जगहों पर मां की प्रतिमा स्थापित कर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ तांत्रिक विधि से माता की पूजा की जायेगी.वहीं रात में ही पूजा संपन्न होने के बाद कलश का विसर्जन भी रात में ही कर दिया जायेगा.

रविवार को घरों से निकाला जायेगा दरिद्रा

रविवार अहले सुबह दरिद्रा निकालने की परंपरा का निर्वहण किया जायेगा. चली आ रही परंपरा के अनुसार शनिवार की रात में लोग अपने-अपने घरों के आंगन या बालकोनी में पुराना सूप अथवा डाली व एक छड़ी को ईंटा से दाब कर रखेंगे. वहीं रविवार को सुबह उस डाली को छड़ी से पिटते ही दिरद्रा बहार रे, लक्ष्मी भीतर रे बोलते हुए घर के नजदीक चौराहे पर जलायेंगे. मान्यता है कि इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होता है.

धनतेरस की महत्ता

दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस के अवसर पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा के साथ होती है. पुराणों की मान्यता के अनुसार, जिस समय देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे, उसी समय समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे. इन्हीं में से एक भगवान धनवंतरि धनत्रयोदशी के दिन अपने हाथ में पीतल का अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. यही कारण है कि इस दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है.

एक अन्य मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन घर में नई चीजें लाने से घर में धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता माने जाने वाले भगवान कुबेर का वास होता है. इस दिन नई झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है. इस दिन झाड़ू खरीदने का कारण यह है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास माना गया है. अगर धनतेरस पर आप झाड़ू खरीदकर लाते हैं तो कहा जाता है कि घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. सोना, चांदी और पीतल की वस्तुओं को खरीदना बेहद शुभ माना गया है.

धनतेरस की पौराणिक कथा
एक बार भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने का विचार किया. यह बात उन्होंने माता लक्ष्मी को बताई तो माता लक्ष्मी ने भी भगवान विष्णु के साथ चलने को कहा. तब विष्णु जी ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मेरे साथ तभी चल सकती हैं, जब मेरी बात मानेंगी. लक्ष्मी जी ने विष्णु जी को स्वीकृति दे दी. फिर वे दोनों पृथ्वी लोक पर विचरण के लिए निकल पड़े. पृथ्वी लोक पहुंचने पर विष्णु जी ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप यहीं ठहरकर मेरी प्रतीक्षा करिए. साथ ही एक बात का ध्यान रखने के लिए भी कहा कि जिस दिशा में वे जा रहे थे, देवी लक्ष्मी उस ओर बिल्कुल न देखें. इतना कहकर विष्णु भगवान वहां से चल पड़े.

राशि के अनुसार करें धनतेरस की खरीदारी

  1. मेष: सोना-चांदी की वस्तु, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, जमीन-जायदाद. वाहन की खरीदारी से बचें
  2. वृषभ : चांदी, हीरा, जमीन-जायदाद, फिक्स डिपॉजिट, वाहन आदि
  3. मिथुन : जमीन-जायदाद, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, सोना व चांदी
  4. कर्क: सोना-चांदी की वस्तु या आभूषण, शेयर मार्केट में निवेश, जमीन-जायदाद
  5. सिंह : सोना, तांबा, फिक्स डिपाजिट, शेयर बाजार आदि में निवेश, लकड़ी के फर्नीचर
  6. कन्या : सोना व चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, जमीन-जायदाद
  7. तुला : चांदी, फिक्स डिपाजिट. शेयर बाजार से दूर रहें, वाहन की खरीदारी से बचें
  8. वृश्चिक : सोना- चांदी, जमीन-जायदाद, किसी भी प्रकार का निवेश
  9. धनु : सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, शेयर बाजार, जमीन-जायदाद
  10. मकर : चांदी, जमीन-जायदाद, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, स्टील के फर्नीचर
  11. कुंभ: सोना, फिक्स डिपाजिट. चांदी, वाहन की खरीदारी से बचें
  12. मीन : हर प्रकार की खरीदारी एवं निवेश श्रेयस्कर रहेगा

    धनतेरस पर भूल कर भी न खरीदें ये सामान

    आमतौर पर लोग धनतेरस में कुछ भी खरीद लेते हैं लेकिन यह कई मामलों में सुखद नहीं होता है. आइए जानते हैं कि किन चीजों की खरीदारी धनतेरस के मौके पर नहीं करनी चाहिए….

    • ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर लोहे के सामान की खरीदारी करने से घर-परिवार पर राहु की अशुभ छाया पड़ती है. जिससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती है. घर में क्लेश का माहौल रह सकता है.
    • इस दिन शीशे की भी खरीदारी नहीं करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इससे राहु की दृष्टि आप पर बनी रहती है जिससे घरेलू परेशानियां बढ़ सकती है.
    • मान्यताओं के अनुसार स्टील के बर्तन की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए. दरअसल यह लोहा का ही एक रूप होता है. जिसकी खरीदारी करने से राहु की छाया पूरे साल आपको परेशान कर सकती है. इसके जगह आप तांबे या कांसे के बर्तन की खरीदारी सकते हैं. यह आपको लंबे समय तक लाभ देगी.
    • काला चीज पर्व में अशुभ माना गया है. ऐसे में किसी भी ऐसी सामग्री को खरीदने से बचे जो रंग में काला हो, धनतेरस, प्रगति और सौभाग्य का दिन कहलाता है. यही कारण है कि इस दिन काली रंग की चीजों की खरीदारी से परहेज करनी चाहिए.

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