उत्तराखंड 19 फरवरी 2020 उत्तराखंड के लोकप्रिय IAS ऑफिसर दीपक रावत के बारे में कहा जाता है कि साल 2017 में वो गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले IAS अधिकारी रहे थे। इसलिए हम आपके लिए एक बेहद ही खूबसूरत स्टोरी लेकर आए हैं। ये कहानी उत्तराखंड के एक ऐसे IAS ऑफिसर की है,जो अपने कामों और अपने अंदाज की वजह से देशभर में जाने जाते हैं। हरिद्वार के तेज तर्रार डीएम कहे जाने वाले दीपक रावत की ये स्टोरी है, जिसे हमने ईटीवी से लिया है। डीएम दीपक रावत जिस भी जिले में जाते हैं, उन्हें भरपूर प्यार मिलता है। लोगों के बीच लोकप्रियता और गरीबों के आशीर्वाद का ऐसा असर है कि डीएम दीपक रावत घूसखोरों, भ्रष्टाचारियों के लिए एक बड़ी आफत बने हैं। ये किस्सा उस वक्त क है, जब दीपक दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढा़ई कर रहे थे। वो अपनी बातों, अपनी बुद्धिमता की वजह से अपने दोस्तों के बीच काफी चर्चाओं में रहते थे। उनका गीत गाने का अंदाज इतना प्यारा था कि हर किसी को पसंद आता था।
एक दिन दीपक अपने कमरे की सफाई कर रहे थे। अचानक उन्होंने देखा कि गेट के बाहर डायरी का एक पन्ना पड़ा है। सफाई करते हुए उन्होंने पहले तो इसे महज़ कागज का टुकड़ा समझा। उन्हें पहली बार में पता नहीं चला कि किसी ने अपने दिल की बात उस कागज में लिखी है। जब दीपक ने इस पन्ने को उठाया तो खुद भी हैरान रह गए थे। कागज का वो टुकड़ा आधा जला हुआ था। जब दीपक ने इस पन्ने को खोलकर देखा था तो इसमें लिखा था कि ‘दीपक तुम मुझे बेहद अच्छे लगते हो’। अखबार से काटकर निकाले गए एक एक शब्द को जोड़कर इसमें लिखा गया था। हालांकि इसके बाद दीपक ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। दीपक ने इस पत्र को जेब में रख दिया था। काफी दिनों तक वो सोचते रहे कि आखिर ये पत्र किसने लिखा होगा। बताया जाता है कि काफी दिनों के बाद उन्होंने अपने फ्रैंड सर्कल में पूछा तो ये खत चर्चा का सबब बन गया।
आखिरकार ये बात ज्यादा दिनों तक छुप नहीं पाई। दीपक को पता चल गया था कि ये खत आखिर किस लड़की ने लिखा है। काफी वक्त बीता तो खत का किस्सा खत्म हो गया। बाद में दीपक को विजेता सिंह के रूप में जिंदगी भर का साथी मिल गया। । हरिद्वार के डीएम दीपक के आज दो बच्चे भी हैं। उनकी बेटी का नाम दिरीशा है और बेटे का नाम दिव्यांश है। अपने परिवार में ही दीपक की सारी दुनिया बसी है। वो सबसे तज तर्रार डीएम में गिने जाते हैं। इस तेजतर्रार IAS ऑफिसर को अपने परिवार से भी बेहद प्यार है। लोगों के बीच दीपक रावत की गणना एक्शन लेने वाले जिलाधिकारी के रूप में होती है।