सीरियल की शुरूआत में दिखाया जाएगा की अबीर के लिए मंजरी बिटला निवास में पूजा रखवाती है। सभी मन ही मन भगवान् से प्राथना मांग रहे होते हैं।
पंडित जी अबीर से उसका पिता का नाम पूछते हैं तो वो अभिनव शर्मा बोलता है। इस बात को सुन वहां बैठे सभी लोग चौंक जाते हैं।
इसे सुन महिमा कहती है की अभीर तुमने सही कहा तुम्हारे पिता का नाम अभिनव शर्मा है।
क्यूंकि परवरिश और पैदाइश के मुकाबले में परवरिश ही जीता है। लेकिन तभी मंजरी पंडित जी को पिता का नाम अभिमन्यु बिटला बता देती है
अबीर मन ही मन कहता है की लोग कुछ भी कहे पर मेरे पिता का नाम अभिनव शर्मा ही है
सीरियल में आगे दिखाया जाएगा की अभिमन्यु अबीर के व्यवहार को लेकर परेशान हो रहा होता है।
मंजरी उसे समझाती भी है। तभी पार्थ और बड़े पापा आकर बतातें है। मनीष जी ने कस्टडी केस के फैसले को हाई कोर्ट में चैलेंज किया है।
इस बात को सुन मंजरी आग बबूला होने लगती ही, लेकिन अभिमन्यु उसे समझाते हुए कहता है कि अगर कोई भी मां-बाप होते तो अपने बच्चे के लिए वो हर दरवाजा खटखटाते जो उनको बेटा वापिस दिला दे।
अभिमन्यु फैसला करता है की अगर वो लड़ेंगे तो मैं भी लडूंगा।