दूसरी तरफ पार्थ के कहने पर महिमा चैरिटी के पैसों से नया अस्पताल बनाने की बात कर रही है लेकिन अभिमन्यु को ये डील पसंद नहीं आई है क्योंकि चैरिटी के पैसे से गरीब लोगों को इलाज होता है और उस पैसे से अस्पताल लगवाना सही नहीं है लेकिन महिमा ने ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में डील को साइन कर लिया है और अपना आखिरी फैसला भी सुना दिया है।