अक्षरा कहती है कि अभिमन्यु कोई चीज नहीं है, जिसे आप खरीदने की बात कर रही हैं। मैं अपनी परेशानी से खुद निपट लूंगी लेकिन मंजरी अक्षरा को याद दिलाती है कि उस पर परिवार के पहले से ही इतने अहसान है और कितने पैसे मांगेगी। दोनों की बातों को मुस्कान सुन रही होती है।