गर्मियों में हर वयस्क को 8 से 10 गिलास यानी करीब 2 से 3 लीटर पानी रोज पीना चाहिए. यह आपकी गतिविधि, शरीर के वजन और ,मौसम पर निर्भर करती है.
कम पानी पीने से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो जाती है, जिससे चक्कर आना, सिरदर्द, थकावट और कभी-कभी बेहोशी तक की नौबत आ सकती है.
पानी की पर्याप्त मात्रा न लेने से कब्ज, अपच, पेट फूलना और गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. पाचन को दुरुस्त रखने के लिए पानी जरूरी है.
पानी शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है. कम पानी पीने से किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे स्टोन या इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
पानी की कमी से त्वचा रूखी, बेजान और मुरझाई हुई लगने लगती है. भरपूर पानी पीने से त्वचा में चमक बनी रहती है और त्वचा संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं.
पानी पसीने के रूप में शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है. यदि पानी कम हो जाए तो हीट स्ट्रोक या लू लगने का खतरा बढ़ सकता है.
कम पानी पीने से पेशाब कम होता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा अधिक हो जाता है. खासकर महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है.
पर्याप्त पानी न मिलने पर शारीरिक क्षमता और स्टैमिना पर असर पड़ता है. आप जल्दी थकते हैं और काम में मन नहीं लगता.
डिहाइड्रेशन से सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि मूड और कॉन्सेंट्रेशन भी प्रभावित होता है. आप चिड़चिड़े हो सकते हैं और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है.