वास्तु के अनुसार चांदी की अंगूठी पहनने के खास फायदे और नियम हैं.
चांदी शुक्र (सौंदर्य और वैभव) और चंद्रमा (शांति और मन) से संबंध रखती है, इसलिए मानसिक और भावनात्मक संतुलन देती है.
चांदी के आभूषण जल तत्व को नियंत्रित करते हैं, जिससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और ऊर्जा संतुलित रहती है.
चांदी की अंगूठी हमेशा सीधे हाथ की छोटी (कनिष्ठा) उंगली में पहननी चाहिए ताकि शुक्र और चंद्रमा का प्रभाव बढ़े.
यह अंगूठी मानसिक शांति देती है और गुस्से वाले स्वभाव को शांत करती है, जिससे निर्णय क्षमता सुधरती है.
चांदी की अंगूठी चेहरे पर चमक लाती है और त्वचा के दाग-धब्बों को भी कम करने में सहायक होती है.
इसे पहनने से सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि होती है, विशेषकर सार्वजनिक जीवन में.
घर में धन की स्थिरता और सुख-समृद्धि के लिए यह एक शुभ संकेत मानी जाती है, खासकर जब इसे विधिपूर्वक पहना जाए.
अगर अंगूठी पहनना संभव न हो, तो चांदी का छोटा टुकड़ा तिजोरी या पर्स में रखने से भी लाभ मिलता है.
अंगूठी को बार-बार उतारना या बदलना इसके प्रभाव को कमजोर करता है, इसे स्थायी रूप से पहनें.