भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के समय युधिष्ठिर को कुछ विशेष वास्तु उपाय बताए थे.
घर में हमेशा शुद्ध घी का दीपक जलाएं, दीपक प्रकाश का प्रतीक है, और घी से जला दीपक नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है.
चंदन की उपस्थिति घर में पवित्रता बनाए रखती है, भगवान कृष्ण ने चंदन को पवित्र और सौम्यता का प्रतीक बताया था, भले ही उस पर कितने भी सर्प क्यों न लिपटे हों.
धूप और अगरबत्ती घर की वायुमंडलीय ऊर्जा को शुद्ध करती हैं, प्रतिदिन सुबह-शाम धूप देने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं.
ताजे पुष्प (फूल) घर में रखें और पूजा में उपयोग करें, पुष्प सुंदरता और कोमलता के साथ साथ देवताओं का प्रिय अर्पण भी माने जाते हैं.
गंध (सुगंध) से घर की ऊर्जा संतुलित रहती है, इत्र, चंदन या सुगंधित धूप का प्रयोग घर में सौम्यता और शांति बनाए रखता है.
नेवैद्य (भोग) घर में हर दिन भगवान को अर्पित करें, इससे घर में अन्न का अभाव नहीं होता और वातावरण में आस्था का संचार होता है.
शहद को घर में अवश्य रखें, श्रीकृष्ण ने शहद को आत्मा की शुद्धि के लिए उपयोगी बताया है, यह शुद्धता का प्रतीक है.
इन पंचतत्वों को पूजा घर में सम्मिलित करें, पूजा स्थान में इन सभी चीजों की उपस्थिति घर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है.