वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की बालकनी धन-समृद्धि के प्रवेश द्वार जैसी होती है.
उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में बालकनी शुभ मानी जाती है. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी और स्वास्थ्यदायक धूप का प्रवेश होता है.
बालकनी की छत ढलान वाली और उत्तर या पूर्व की ओर झुकी होनी चाहिए. इससे रोशनी और ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.
हल्के और सॉफ्ट रंग जैसे सफेद, नीला, हल्का हरा या गुलाबी बालकनी के लिए आदर्श होते हैं. गहरे रंगों से बचें, ये नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं.
बालकनी में भारी फर्नीचर से परहेज करें. दो कुर्सियों और एक मेज का कॉम्बिनेशन दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें, जिससे ऊर्जा का बहाव बाधित न हो.
उत्तर या दक्षिण दिशा में झूला लगाना शुभ माना जाता है. यह आरामदायक होता है, मानसिक शांति भी देता है.
पश्चिम और दक्षिण दिशा में छोटे पौधे लगाएं, जिससे पर्याप्त धूप मिले और घर में उजाला बना रहे. वर्टिकल गार्डन भी अच्छा विकल्प है.
अंधेरे में बालकनी अशुभ मानी जाती है. हल्की और शांत रोशनी से सजी बालकनी सौभाग्य और तरक्की लाती है.
बालकनी को कबाड़ रखने की जगह न बनाएं. यह वास्तु दोष का कारण बनता है और सुख-समृद्धि में बाधा डालता है.
बालकनी को हमेशा स्वच्छ, सुव्यवस्थित बनाए रखें. अच्छी सजावट से घर में लक्ष्मी का वास होता है.