वास्तु के अनुसार यदि नटराज की मूर्ति में भगवान शिव के चेहरे पर क्रोध या कठोरता दिख रही हो, तो उसे घर में रखने से बचना चाहिए.
नटराज की मूर्ति को घर के ईशान कोण में ऊंचे स्थान पर रखने से यह सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है और घर का वातावरण शांतिपूर्ण बना रहता है.
नटराज की मूर्ति के पास अन्य धातु की मूर्तियां, भारी सामान या चमड़े की चीजें न रखें. इससे मूर्ति की आध्यात्मिक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है.
शिव जी अकेले नहीं, बल्कि पार्वती जी (शिवकामा सुंदरी) के साथ अधिक प्रसन्न रहते हैं. अतः उनके पास पार्वती का स्वरूप भी रखें, ताकि संतुलन बना रहे.
अगर आप नटराज की मूर्ति की रोज पूजा नहीं कर सकते, तो कम से कम साफ-सफाई और पुष्प अर्पण अवश्य करें, जिससे उसमें सकारात्मकता बनी रहे.
नटराज की मूर्ति नृत्य और कला से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत मानी जाती है. इसे कला स्थल या स्टूडियो में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है.
नटराज का उपहार देते समय यह देखें कि मूर्ति में शिवजी आनंदित मुद्रा में नृत्य कर रहे हों. खासतौर पर ऐसे लोगों को दें, जिन्हें कला, आध्यात्म या योग में रुचि हो.
नटराज का नृत्य विनाश, सृजन, संरक्षण, अवतार और मोक्ष का प्रतीक है. इसलिए इसे नकारात्मक नहीं बल्कि संतुलन और पुनर्निर्माण का प्रतीक मानें.