अगर आपका घर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है, तो घर या बाहर दोनों जगह दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है. इस दिशा को वास्तुघ में अशुभ माना गया है.
घर में जरूरत से ज्यादा सीढ़ियां बनवाना वास्तु् दोष की श्रेणी में आता है. इससे गिरने या फिसलने जैसी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.
अगर आपके घर में आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) से सड़क की लाइट या तेज रोशनी आती है, तो दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है.
घर का उत्तर-पूर्व कोना अगर आकार में असमान या अन्य कोनों से छोटा है, तो यह भी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है.
बोरवेल, वाटर पंप या कुआं दक्षिण दिशा में कभी न बनवाएं. विशेषकर महिलाओं के लिए यह दिशा दुर्घटनात्मक मानी गई है.
अगर मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम-दक्षिण दिशा में है, तो यह परिवार के सदस्यों के लिए संकटकारी हो सकता है.
मंगलवार और शनिवार को वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखें. मंगल और शनि ग्रह का प्रभाव इन दिनों अधिक होता है और ये क्रोधी ग्रह माने जाते हैं.
घर में टूटे शीशे, बंद घड़ियां, सूखे पौधे को तुरंत हटाएं. ये चीजें निगेटिव एनर्जी बढ़ाती हैं जो दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं.
हर महीने वास्तु पूजन या घर का ऊर्जा शुद्धिकरण करवाना फायदेमंद होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और दुर्घटनाओं से बचाव होता है.