वास्तु और धार्मिक शास्त्रों में ऐसी जगहें बताई गई हैं जहां पर जूते-चप्पल पहनकर जाना अशुभ माना जाता है.
भंडार घर में पवित्रता बनाए रखना जरूरी होता है. यहां जूते पहनकर जाना अन्न के अपमान के समान माना गया है.
तिजोरी में धन रखते समय जूते-चप्पल पहनने से आर्थिक तंगी के योग बनते हैं. यह धन के देवता कुबेर, देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है.
रसोई घर में चप्पल पहनना मां अन्नपूर्णा की कृपा से वंचित कर सकता है.
मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर जाना देवी-देवताओं का अपमान है.
पूजा कक्ष में जूते पहनना नकारात्मक ऊर्जा को न्योता देना है.
ध्यान कक्ष में जूते पहनने से साधना भंग होती है.
गौशाला या गायों के पास जूते पहनना धार्मिक रूप से वर्जित है.
गुरुकुल या अध्ययन कक्ष में चप्पल पहनना विद्या का अपमान है.
नवग्रह शांति, हवन स्थल पर चप्पल पहनने से अनुष्ठान निष्फल हो सकते हैं.