सही दिशा में बनी सीढ़ियां जहां जीवन में तरक्की का कारण बनती हैं, वहीं गलत दिशा में बनी सीढ़ियां रुकावटें और तनाव ला सकती हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ियां दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. ये दिशाएं स्थायित्व और प्रगति का प्रतीक मानी जाती हैं.
सीढ़ियां उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाना अशुभ माना जाता है. इससे मुखिया को मानसिक तनाव या करियर में असफलता का सामना करना पड़ सकता है.
सीढ़ियां हमेशा क्लॉकवाइज बनानी चाहिए. इसका मतलब है कि जब आप ऊपर चढ़ रहे हों, तो दाईं ओर घूमता हुआ हो. यह ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में प्रवाहित करता है.
वास्तु के अनुसार सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए जैसे 11, 13, 15, 17 या 19. सम संख्या वाली सीढ़ियां नकारात्मक ऊर्जा लाती हैं और जीवन में अस्थिरता ला सकती हैं.
यदि आपके घर में वास्तु दोष है और सीढ़ियां गलत दिशा में बनी हैं, तो घर के ब्रह्म स्थान (बीचों बीच) में पीला रंग पेंट कराना शुभ होता है.
घर के केंद्र स्थान पर प्रतिदिन कपूर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. यह उपाय विशेष रूप से वास्तु दोष से ग्रस्त घरों में लाभदायक होता है और परिवार में सुख-शांति बनाए रखता है.
यदि सीढ़ियां पहले से गलत दिशा में बनी हैं और तोड़-फोड़ संभव नहीं है, तो वास्तु उपायों से इसे संतुलित किया जा सकता है.