वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर सही रंग का चयन किया जाए तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
काले रंग को नकारात्मकता और भारी ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. यह घर में अवसाद, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याओं को बढ़ा सकता है.
गहरे नीले या स्लेटी रंग घर में नीरसता और ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं. यह रंग विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अशुभ माने जाते हैं,
गहरा लाल रंग उग्रता और उत्तेजना का प्रतीक है, जो घर में अस्थिरता और झगड़ों का कारण बन सकता है. इससे बचना चाहिए ताकि घर में शांति और सामंजस्य बना रहे.
भूरा रंग घर की सुंदरता को प्रभावित करता है और दरिद्रता को आमंत्रित कर सकता है. यह रंग घर के वातावरण को निराशाजनक बना सकता है.
मुख्य द्वार पर हल्का हरा रंग उन्नति और मानसिक संतुलन लाता है. इसके अलावा, सफेद या क्रीम रंग पवित्रता और शांति का प्रतीक माने जाते हैं.
उत्तर दिशा में हल्का नीला या हरा, पूर्व दिशा में सफेद या हल्का गुलाबी, दक्षिण दिशा में हल्का ब्राउन या नारंगी, और पश्चिम दिशा में सफेद या चॉकलेट रंग उपयुक्त माने गए हैं.
मुख्य द्वार पर शुभ चिह्न जैसे स्वास्तिक, ॐ या शुभ-लाभ का प्रयोग करें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़े.