वास्तु के अनुसार दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए. यह दिशा ग्राहकों की आवाजाही बढ़ाती है.
दुकान का मुख्य दरवाजा पेड़, खंभे या कूड़े-कचरे से अवरुद्ध नहीं होना चाहिए. एक साफ और खुला द्वार ग्राहकों को सहज महसूस कराता है.
दुकान के ठीक सामने कोई नाली या जल निकासी का स्थान नहीं होना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है और आर्थिक हानि हो सकती है.
दुकान का काउंटर गोल नहीं होना चाहिए. आयताकार या वर्गाकार काउंटर स्थायित्व और संतुलन का प्रतीक होते हैं.
दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में हो काउंटर का स्थान, यह प्रबंधकीय नियंत्रण और आर्थिक स्थिरता बनाए रखती हैं.
उत्तर दिशा की ओर खुले कैश काउंटर, यह दिशा धन के देवता कुबेर की मानी जाती है, जिससे समृद्धि और वित्तीय लाभ बढ़ता है.
कैश बॉक्स रखें दक्षिण-पश्चिम में, दरवाजा उत्तर में हो, यह संयोजन आर्थिक सुरक्षा और धन संचय के लिए सबसे बेहतर होता है.
कैश बॉक्स में लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा रखने से धन की वृद्धि और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
तोरण (आम या अशोक के पत्तों का) दुकान के मुख्य द्वार पर लटकाना भी शुभ होता है.