घर में कभी नहीं टिकेगा, वास्तु की इन गलतियों से धन-दौलत

अगर घर के वास्तु में थोड़ी भी गड़बड़ी रह जाए तो यह सभी सदस्यों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. कभी अचानक धन की हानि होती है, तो कभी बने बनाए कार्य बिगड़ने लगते हैं.
कोई न कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है. इन्हें ठीक करने से जीवन में स्थिरता आती है और मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है. आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां आर्थिक नुकसान की वजह बनती हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर दिशा को ऊंचा नहीं रखना चाहिए. इसे मातृ स्थान माना जाता है. इस दिशा में ऊंचाई होने से धन की हानि और बीमारियों की संभावना बढ़ती है. इसलिए इस दिशा को हमेशा साफ और खाली रखना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, उत्तर दिशा के स्वामी देवता कुबेर हैं. इस दिशा का संबंध बुध ग्रह से है. अगर इस दिशा में कूड़ा-कबाड़ जमा किया जाता है, तो धन की हानि होती है. पैसा टिकता नहीं और खर्च बढ़ता जाता है.
घर में पानी का बहाव दक्षिण दिशा की ओर होने से आर्थिक नुकसान होता है और कार्यों में रुकावटें आती हैं. इससे बनी बनाई योजनाएं असफल हो जाती हैं. पानी की निकासी के लिए उत्तर दिशा को सबसे शुभ माना गया है, क्योंकि इससे धन और सम्मान की वृद्धि होती है.
अगर घर के बाथरूम, रसोई या अन्य स्थानों में नल से पानी टपकता रहता है, तो यह बहुत अशुभ होता है. वास्तु में इसे गंभीर दोष माना गया है, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा फैलती है और धन हानि होती है. पानी के साथ पैसा भी व्यर्थ में बह जाता है.
वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है. लगातार गीला रहने वाला बाथरूम घर में कर्ज की स्थिति पैदा कर सकता है और परिवार के सदस्यों को रोगों का शिकार बना सकता है.
अगर घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने कोई बड़ा पेड़, बिजली का खंभा या बड़ा पत्थर रखा हुआ है, तो यह घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. इससे व्यापार में भी नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, चूल्हे या गैस स्टोव पर हमेशा बर्तन चढ़ा रहना अशुभ है. किचन को पूजा स्थल के बाद सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि इसमें अन्नपूर्णा देवी और अन्य देवताओं का वास होता है.
किचन में दवाइयां रखना भी अच्छा नहीं है. क्योंकि, इससे बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.