Tripund Ka Mahatva: माथे पर त्रिपुण्ड लगवाने से मिलती है शांति, धुलते हैं पाप, जानिए त्रिपुण्ड तिलक लगवाने का महत्व...
मान्यता है कि त्रिपुण्ड की तीन रेखाओं में 27 देवताओं का वास होता है। ये क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी द्वारा निभाई जाने वाली तीन जिम्मेदारियों का भी प्रतीक है।
Tripund Ka Mahatva: माथे पर त्रिपुण्ड लगवाने से मिलती है शांति, धुलते हैं पाप, जानिए त्रिपुण्ड तिलक लगवाने का महत्व...
त्रिपुण्ड चंदन या भस्म से लगाया जाता है। चंदन या भस्म माथे को शीतलता प्रदान करता है।
Tripund Ka Mahatva: माथे पर त्रिपुण्ड लगवाने से मिलती है शांति, धुलते हैं पाप, जानिए त्रिपुण्ड तिलक लगवाने का महत्व...
त्रिपुण्ड लगवाने से नवग्रहों के दोष से मुक्ति मिलती है और सुख-संपन्नता में वृद्धि होती है।
Tripund Ka Mahatva: माथे पर त्रिपुण्ड लगवाने से मिलती है शांति, धुलते हैं पाप, जानिए त्रिपुण्ड तिलक लगवाने का महत्व...
त्रिपुंड लगाने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
त्रिपुंड लगाने से मन में बुरे विचार नहीं आते। मानसिक शांति मिलती है और व्यवहार में शालीनता आती है।
शास्त्रों के मुताबिक त्रिपुंड लगाने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
माना जाता है कि माथे पर त्रिपुण्ड के रूप में विभूति लगाने से ठंड शरीर के अंदर घर नहीं करती।
त्रिपुण्ड के बीच कुमकुम का तिलक लगाने से मस्तक का एक खास नर्व पाॅइन्ट दबता है जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और चेहरे पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से तेज भी आता है।
त्रिपुण्ड लगाने से मनुष्य आध्यात्मिक भावों से ओतप्रोत होता है और उसमें अनुचित कार्य से बचने की भावना विकसित होती है।
अधिक मानसिक श्रम करने से विचारक केंद्र में पीड़ा होने लगती है। त्रिपुण्ड लगाने से ज्ञान-तंतुओं को आराम और राहत मिलती है।
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