त्रिफला का सेवन खासकर पाचन की समस्याओं में किया जाता है और यह इस काम को बखूबी करता भी है। लेकिन पाचन को सुगम बनाने के दौरान यह पानी का इस्तेमाल कुछ अधिक मात्रा में कर लेता है और इसी वजह से गर्मियों में इसके सेवन से डिहाइड्रेशन का खतरा हो सकता है।

गर्मी में त्रिफला के अधिक मात्रा में सेवन से पेट के साथ पूरे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। जिससे गर्मी की समस्याएं बढ़ सकती हैं। आपको दस्त भी लग सकते हैं।
गर्मी में त्रिफला के अधिक मात्रा में सेवन से स्किन पर भी बुरे असर दिख सकते हैं जैसे कि खुजली, लाल चकत्ते, सूजन आदि।
गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाएं अपच और कब्ज़ से परेशान रहती हैं लेकिन इस दौरान आप भूल से भी त्रिफला न लें क्योंकि त्रिफला के सेवन से मिसकैरेज तक हो सकता है।
स्तनपान कराने वाली माताओं को भी इससे बचना चाहिए वरना नवजात को दस्त लग सकते हैं।
अगर आप किसी बीमारी की नियमित दवाएं ले रहे हैं तो त्रिफला का सेवन चिकित्सक के परामर्श पर ही शुरु करें। वरना दवाएं रिएक्ट कर सकती हैं और अपना असर भी खो सकती हैं।
अनिद्रा की शिकायत है तो भी आपको त्रिफला के सेवन से बचना चाहिए।
हाई बीपी की दवाओं के साथ त्रिफला लेने से आपका बीपी लो भी हो सकता है।
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार ढाई से तीन महीने तक त्रिफला का सेवन करने के बाद कुछ दिन का ब्रेक ज़रूर लेना चाहिए। लगातार बारहों महीने त्रिफला के सेवन की सलाह आयुर्वेद नहीं देता है।