Triphala Churna Ke Benefits: त्रिफला के रेचक और पोषक गुण, जानिए
क्या आपको पता है त्रिफला में 'रेचक' और 'पोषक' दो तरह के गुण हैं, और दोनों के लिए त्रिफला की सेवन विधि अलग है? चलिए बताते हैं आपको।
त्रिफला चूर्ण एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल घर-घर में किया जाता है। त्रिफला तीन फलों आंवला, बिभीतकी (बहेड़ा) और हरीतकी (हरड़) को मिलाकर तैयार किया जाता है। त्रिफला में दो तरह के गुण होते हैं। पहला रेचक और दूसरा पोषक। दोनों गुणों को पाने के लिए इसके सेवन के अलग-अलग समय का ध्यान रखना होता है।
यदि त्रिफला का सेवन रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ किया जाए तो यह रेचक (Laxative) का काम करता है। यानि यह सुबह शौच करने में दिक्कत होने पर आपकी आंतों को खाली करने में मदद करता है।
रेचक गुण का लाभ उठाने के लिए आपको रात को सोने जाने से पहले एक चम्मच त्रिफला गुनगुने दूध या फिर गुनगुने पानी के साथ भी लेने से फायदा होगा।
वहीं अगर आपका उद्देश्य त्रिफला से पोषण प्राप्त करना है तो आपको इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए। आप एक चम्मच त्रिफला एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पी सकते हैं।
त्रिफला विटामिन सी, कई एक्टिव कंपाउंड, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल, हाइपोग्लाइसेमिक गुणों के साथ अनेक खूबियाँ से भरा होता है। इसलिए इसके कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
पेट की समस्याओं के साथ-साथ त्रिफला से होने वाले अन्य स्वास्थ्य लाभों की बात करें तो यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर वजन घटाने में मदद करता है।
इसके सेवन से टाइप टू डायबिटीज, मानसिक तनाव, कमज़ोर इम्यूनिटी, हृदय रोग, एजिंग इफेक्ट्स, झड़ते बाल, कमजोर दृष्टि, दांतों की कमजोरी जैसी अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है।