नॉर्वे (Norway) दुनिया का पहला देश बन गया है जहां पेट्रोल से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां चल रही हैं। नॉर्वे ने एक नई रेवोलुशन यानी क्रांति की शुरुआत की है।

नॉर्वे में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पेट्रोल से ज्यादा हो गई है। यह पर्यावरण के लिए एक बड़ी जीत है।
नॉर्वे का लक्ष्य है कि 2025 तक सिर्फ जीरो एमिशन व्हीकल्स ही बिकें। यह यूरोप के बाकी देशों से 10 साल आगे है।
नॉर्वे में अब तक 7,54,303 इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जो पेट्रोल कारों से ज्यादा है।
साल 2026 तक नॉर्वे में डीजल से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां होंगी। यह एक बड़ा बदलाव है।
नॉर्वे एक बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश है, लेकिन फिर भी यह पर्यावरण के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रहा है।
2020 में नॉर्वे ने पहली बार पेट्रोल-डीजल से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की। यह ऐतिहासिक कदम था।
नॉर्वे रोड फेडरेशन के डायरेक्टर ने कहा कि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक पल है। हम तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं।
नॉर्वे में हर साल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। यह पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक कदम है।
नॉर्वे के लोग अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल है।
नॉर्वे ने दुनिया को दिखा दिया है कि कैसे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाई जा सकती है। यह बाकी देशों के लिए एक मिसाल है।
नॉर्वे का यह कदम दिखाता है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही सड़क पर राज करेंगी।