अकीर के बर्थडे में होगा बड़ा धमाका, सामने आया साहिबा की शॉकिंग सच्चाई...
सीरियल तेरी मेरी डोरियां में आज आप देखेंगे कि, अंगद अकीर के बारे में सोच रहा होता है, तभी वहां सिमरन आती है। अंगद सिमरन से कहता है कि गैरी उन्हे लेने के लिए आ रहा है, नर्स अंगद को सिमरन के डिसचार्ज पेपर देखने के लिए कहती है, नर्स को साहिबा का फोन आता है, साहिबा नर्स से सिमरन के बारे में पूछती है नर्स का कहना है, सिमरन को डिसचार्ज कर दिया गया है।
साहिबा फोन रखती है, बीजी साहिबा से कहती है कि वो आज भी परेशान दिख रही है वह उसे अपने मन को बात बताने को कहती है, साहिबा कहती है वो परेशान नहीं है। बीजी को साहिबा पर शक होता है। दिलजीत अकीर से कहता है कि वो आज से उसका पिता है साहिबा उन्हे देख कर भावुक हो जाती है। बीजी दिलजीत और अकीर को देखकर खुश होती है।
बीजी दलजीत से कहती है कि वो आज सुबह से बहुत खुश है, बीजी ट्रिकल से कहती है आज दिलजीत दिल से बहुत खुश है, दिलजीत बीजी से सहमत होता है। द्विंकल दिलजीत से अकीर के जन्म दिन की तैयारी के बारे में पूछता है।
दिलजीत का कहना है उसने महमानो को बुला लिया है, उसने सर जी (अंगद) को भी न्यौता दिया है। अकीर दिलजीत से कहता है कि उसे अकडू अंकल को नहीं बुलाना चाहिए था, साहिबा भी दिलजीत पर सवाल उठाती है। वह दिलजीत से कहती है कि वो अंगद को अकीर के जन्मदिन पर नहीं देखना चाहती।
साहिबा कहती है उस आदमी ने दिलजीत को परेशान किया है इसलिए वह उसे माफ़ नही करेगी, साहिबा दिलजीत से बोलती है कि वो सामान लेने जा रही है जब तक वह उस आदमी को पार्टी में ना आने के लिए कह दे। दिलजीत सोचता है कि वो अंगद को पार्टी में ना आने के कैसे कहे।
अंगद साहिबा के चेहरा नहीं देख पाता, अंगद साहिबा के पास जाता है वह उसे अकीर की मां समझकर सिमरन को मदद करने के लिए शुक्रिया कहता है और दिलजीत पर हाथ उठाने के लिए माफी मांगता है, साहिबा अंगद से बचने की कोशिश करती है और उससे अपना चेहरा छुपाती है। फिर वह जल्दी से वहां से निकल जाती है।
दूसरी ओर अकीर अपने एक दोस्त के साथ अंगद की कार के पेट्रोल की टैंक में चीनी मिलाने की कोशिश करता है जिससे अंगद परेशान होकर पनेशर से चला जाए, अंगद उसे पेट्रोल का ढक्कन खोलते देखता है वह अकीर से पूछता है कि वह ऐसा क्यों कर रहा है।
अकीर कहता है कि वो और उसकी मां नहीं चाहते कि वो उसकी बर्थडे पार्टी आए। इसलिए वह उसे ना आने के लिए कहता है। अंगद उसकी बात मानता है और कहता है कि वो उसके बर्थडे में नहीं आयेगा। अकीर खुश होकर वहां से चला जाता है। अंगद अकीर के जन्मदिन के लिए तोहफे लेता है।