आज वह उसकी सभी बातें कैसे मान रहा है, अंगद कहता हैं कि मैं तुम्हारी शादी से खुश हूं, अब तुम मेरा पीछा छोड़ देगी, सीरत कहती हैं कि मैं तुम्हारी पीछा इतनी आसानी से नहीं छोडूंगी। अंगद साहिबा से कहता है कि हम तुम्हारी शादी का महोत्सव अच्छे से मनाते है, कुछ अच्छा खाते पीते है, सीरत कहती है कि इतना तो मैं तुम्हारे लिए कर सकती हूं।