Teri Meri Doriyaann 11 April 2024: अंगद-अकीर की दोस्ती साहिबा को पड़ी भारी, शो आया ये नया मोलोड्रामा...
हिंदी टीवी सीरियल का टीआरपी शो "तेरी मेरी डोरियाँ" मेंअंगद देखता है अकीर बिजली की तार में हाथ लगा रहा है, वह उसे रोकता साहिबा अंगद से कहती है कि दिलजीत अकीर का पिता है वह उसका ख्याल रख लेगा, अकीर दिलजीत से गाना बजाने के लिए कहता है, सभी बच्चे एक खेल खेलते है, अंगद वहां से बाहर चला जाता है।
दिलजीत साहिबा को आवाज लगाता है साहिबा का भ्रम टूटता है, अंगद अकीर के पास होता है। अकीर कहता है कि वो हार गया, दिलजीत का कहना है आज उसका जन्मदिन है इसलिए सारे तोहफे उसे ही मिलेंगे।
दिलजीत अकीर को तोहफे दिखाता है, अकीर देखता है अंगद का दिया हुआ तोहफा भी वहां रखा है, साहिबा दिलजीत से उस तोहफे को उसे वापस करने को कहती है दिलजीत साहिबा से कहता है कि उसे अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए, आगे कहता है कि अंगद ने बहुत प्यार से अकीर को तोहफा दिया है, उसे उसका तोहफा वापस लौटा कर उसकी बेज्जती नही कर सकते।
दिलजीत अकीर से कहता है कि उसे अंगद का दिया हुआ तोहफा उसके सामने ही खोलना चाहिए, वह अंगद को बुलाने चला जाता है। दिलजीत अंगद को अकीर के पास आने के लिए कहता है। अकीर अंगद का तोहफा खोलता है। वह तोहफे में साइकिल के सेफ्टी उपकरणों को देखकर खुश होता है। अंगद अकीर को बताता है कि जब वह साइकिल चलाएगा तो उसे इस सेफ्टी उपकरणों को पहनना होगा जिससे यदि वह गिर भी जाता है तो इसे चोट नहीं लगेगी।
अकीर ने अंगद को दोस्त कहा, अंगद अकीर से कहता है वो उसे अपना दोस्त नहीं बनाना चाहता था, अकीर उससे पुरानी बातों को भूलने के लिए कहता है, और बाकी सुरक्षा उपकरणों को पहनाने के लिए बोलता है।
दिलजीत साहिबा से कहता है अब अकीर और अंगद भी दोस्त बन गए, साहिबा खाना लगाने जाती है। साहिबा अकीर को पकोड़े देती है, दिलजीत अंगद से पकोड़े खाने के लिए कहता है अकीर दिलजीत को वहां से लेकर चला जाता है, साहिबा अंगद से कहती है कि वह पकोड़े खाए और वहां से चला जाए फिर लौटकर न आए, अंगद कहता है वह उसके हाथ का कुछ नहीं खायेगा।
दिलजीत अंगद से कुछ देर और रुकने के लिए कहता है, अंगद कहता है कि उसे लुधियाना पहुंचना होगा, क्योंकि कल सुबह उसकी बहुत सारी मीटिंग है, दिलजीत अंगद से रुकने के लिए कहता है, साहिबा दिलजीत से कहती है कि उसे अंगद को वापस जाने देना चाहिए।
दिलजीत अंगद को उसकी कार तक छोड़ने जाता है, अंगद दिलजीत की तारीफ करता है और उसे हमेशा ईमानदार और सबकी फिक्र करने वाला बने रहने की सलाह देता है। दिलजीत का कहना है वह आज जो कुछ भी है वो सिर्फ साहिबा की वजह से है, अंगद साहिबा को देखता है।