पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 5 सख्त फैसले लिए. वहीँ, भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने बैठक कर जवाबी कार्रवाई में सख्त फैसला लिया है.
पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर और भारतीय विमानों के लिए अपनी हवाई सीमा बंद करने के साथ शिमला समझौते को रद्द करने की धमकी दी है. अब सवाल यह है कि आखिर ये शिमला समझौता है क्या?
शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध के बाद हुआ था. जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच भविष्य में किसी भी विवाद को शांति और संवाद निपटाना और रिश्ते को सामान्य करना था. वहीँ, इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं होगा.
1971 में पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) की आज़ादी को लेकर था. पाकिस्तान ने खूब अत्याचार किये थे. जिसके बाद भारत ने हस्तक्षेप किया और पूर्वी पाकिस्तान को आजाद किया.
वहीँ, पाकिस्तानी सेना के लगभग 93,000 जवानों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पश्चिम पाकिस्तान के लगभग 5 हजार वर्ग मील क्षेत्र भारत के नियंत्रण में था.
इस दौरान भारत ने शांति और स्थिरता को प्राथमिकता दी और फिर इसी सोच के तहत 2 जुलाई 1972 को भारत के शिमला शहर में शिमला समझौता साइन हुआ.
यह समझौता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ.
इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान, कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) को एक-दूसरे की स्वीकृति दी गयी थी. यह वहीँ रेखा है जो आज भी भारत-पाक सीमा को दर्शाती है.
समझौते के तहत किसी भी समस्या को बल प्रयोग न करके और शांति से सुलझाने पर सहमति बनी थी. लेकिन इतिहास गवाह है पाकिस्तान ने कई बार समझौते की शर्तों को तोड़ा है.
अगर पाकिस्तान शिमला समझौते को रद्द करता है तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपनी समस्या को अंतरराष्ट्रीय मच पर उठा सकता है.