पूजा का शुभ मुहूर्त:- अधिक मास के तीसरे सोमवार को सप्तमी तिथि है जो अश्विनी नक्षत्र में पड़ रहा है। इस दौरान पूजा करने का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 1 बजकर 10 मिनट तक है। जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 53 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक है। इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त शाम 7 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक है।
बनेगा शुभ योग:- अधिक मास के तीसरे सोमवार व्रत के दिन रवि योग रहेगा। इस दिन सूर्य और गुरु के एक- दूसरे के नजदीक आ जाने से शुभ योग बनेगा। इसके अलावा, वक्री शुक्र ग्रह, चंद्रमा की कर्क राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करने पर भक्तों को महादेव के साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद मिलेगा।
पूजा-विधि:- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान शिव का और सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। पुष्प अर्पित करें। भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं:- ध्यान देने वाली बात है कि 7 अगस्त को पड़ने वाले सावन महीने के पांचवे सोमवार को अधिकमास की सप्तमी तिथि भी पड़ रही है। इतना ही नहीं इस दिन रवि के साथ ही शूल योग भी बन रहा है। रवि योग बनने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस योग में पूजा अर्चना करने के भी अनेक लाभ होते हैं। इस दिन की पूजा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। सात अगस्त, सोमवार के दिन पूरे दिन रवि योग बन रहा है जोकि शुभ संयोग लेकर आया है।
आरती में कपूर का प्रयोग:- भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। ऐसे में सावन के पांचवें सोमवार पर भगवान भोलेनाथ की आरती करें और उसमें कपूर का इस्तेमाल जरूर करें। आरती के दौरान भगवान शिव का ध्यान करते हुए लौ में कपूर के टुकड़े डालते रहें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
शीघ्र विवाह के लिए उपाय:- सावन के पांचवें सोमवार पर संध्याकाल में शिव जी और मां पार्वती की आरती करें।
साथ ही आरती के समय 'ॐ गौरी शंकराय नमः' और 'ॐ पार्वतीपतये नमः' का एक माला जाप करें। इस उपाय को करने से शीघ्र विवाह के बनते हैं।