सावन सोमवार पर ये चीजें घर ले आएं:- 1- अगर वास्तु दोष के चलते घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है या परिवार के सदस्यों के मध्य कलह की स्थिति बनी रहती है, तो सावन सोमवार पर नवीन तांबे के कलश से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके लिए सावन सोमवार पर तांबे का कलश खरीदकर घर ले आएं। अब तांबे के कलश में गंगाजल भरकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
2- अगर घर का कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है, तो सावन सोमवार पर स्नान-ध्यान के बाद पूजा स्थल पर महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करें। इसके लिए बाजार से महामृत्युंजय यंत्र की तस्वीर खरीदकर ले आएं। अब महामृत्युंजय यंत्र स्थापित कर विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करें। इसके पश्चात, रोजाना विधिवत यंत्र की पूजा करें। इस उपाय को करने से रोग और धन संबंधी परेशानी दूर होती है।
3- धर्म शास्त्रों में निहित है कि जलाभिषेक के बिना शिव जी की पूजा मानी जाती है। अतः सावन सोमवार पर भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करें। इसके लिए रत्नों से निर्मित शिवलिंग घर ले आएं। अब विधिवत शिवलिंग की पूजा करें। इस उपाय को करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
4- अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो सावन सोमवार पर चांदी के नंदी को घर ले आएं। भगवान शिव की सवारी नंदी हैं। अतः भगवान शिव की सवारी नंदी जी को घर में अवश्य स्थापित करें। आप चाहे तो सावन सोमवार पर विधिवत पूजा कर नंदी जी को तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त: सावन के चौथे सोमवार पर सुबह 7 बजकर 26 मिनट से पहले किया गया रुद्राभिषेक बेहद शुभ फलदायी साबित होगा। इस मुहूर्त में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
रुद्राभिषेक की विधि: सावन के दौरान शिव अराधना और शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। चलिए रुद्राभिषेक करने की सही विधि जानते हैं।
पूजा सामग्री: रुद्राभिषेक करने के लिए पान का पत्ता, धूप, दीप, गाय की घी, फल, फूल, इत्र, कपूर, बेलपत्र, मिठाई, शहद, दही, गन्ने का रस, पंचामृत, गुलाबजल, चंदन, गंगाजल, सुपारी, नारियल, श्रृंगी समेत सभी पूजन सामग्री को इकट्ठा कर लें।
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक की विधि:- 1- सबसे पहले उत्तर दिशा में शिवलिंग स्थापित करें और पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। अब श्रृंगी में गंगाजल भरकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अब दूध, दही, गंगाजल, पंचामृत, गन्ने का रस भी श्रृंगी से शिवलिंग पर चढ़ाएं।
2- रुद्राभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥' का जाप करें।
3- शिवलिंग पर बेलपत्र, पान का पत्ता, सुपारी, शमी के पत्ते, भांग और धतुरा चढ़ाएं और शिव जी को भोग लगाएं। इसके बाद भोलेनाथ समेत सभी देव-देवताओं की आरती उतारें। रुद्राभिषेक के जल को किसी पात्र में रख लें।
4- विशेष मंत्रों का जाप महामृत्युंजय मंत्रों के साथ आप भगवान शिव के मूल मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' या 'श्री शिवाय नमस्तुभ्यं' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं।