सावन में ये काम न करें वरना शिवजी रूठ सकते हैं.
सावन में मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन पूरी तरह वर्जित माना गया है. इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि भंग होती है और पूजा का प्रभाव निष्फल हो सकता है.
इस माह में सात्विकता का विशेष महत्व होता है. इसलिए रसोई से लहसुन, प्याज और बैंगन जैसी वस्तुओं को हटाना चाहिए. इनका सेवन पूजा की शुद्धता को प्रभावित करता है.
धार्मिक मान्यता है कि सावन में शरीर पर तेल लगाने से दोष लग सकता है और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं. यह समय शारीरिक तप का है, विलासिता का नहीं.
शिव पूजा में प्रयुक्त होने वाला दूध अत्यंत पवित्र होता है. इसे पीने की बजाय भगवान को अर्पित करना श्रेयस्कर माना गया है. कच्चा दूध पीने से शरीर पर भी असर पड़ सकता है.
सावन के दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं. क्योंकि इस समय भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं और शुभ कार्यों की स्वीकृति नहीं मिलती.
यह महीना तप और त्याग का है. शरीर को सजाने-संवारने से बचना चाहिए. मान्यता है कि बाल काटने से पुण्य का क्षय होता है और शिव की नाराज़गी भी संभव है.
बरसात के चलते हरी सब्जियों में कीड़े-मकौड़े पनप सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. सावन में सात्विक, हल्का और सुपाच्य भोजन करना बेहतर होता है.